उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा के परिणाम घोषित हो चुके हैं. इस बार मैदानी इलाकों के छात्रों की तुलना में पहाड़ का रिजल्ट बेहतर रहा है. पहाड़ के बच्चे 10वीं और 12वीं में मैदानी बच्चों से अव्वल रहे हैं.
बता दें कि उत्तराखंड बोर्ड की दसवीं में 127844 बच्चों ने परीक्षा दी. इसमें 108890 छात्रों ने सफलता पाई. 10वीं में रुद्रप्रयाग के 91.67 प्रतिशत बच्चे, बागेश्वर के 91.61 प्रतिशत और चमोली के 90.06 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं.
हाई स्कूल में नैनीताल रहा फिसड्डी
नैनीताल में 81.35 प्रतिशत छात्र ही पास हो पाए, लेकिन मैदानी जिले ऊधमसिंह नगर के सबसे ज्यादा 62 बच्चे मेरिट लिस्ट में स्थान बनाने में कामयाब रहे. पूरे उत्तराखंड में हाई स्कूल का रिजल्ट 88.94 प्रतिशत रहा. पूरे प्रदेश में सबसे अधिक बागेश्वर की बेटियों का पास प्रतिशत 93.78% रहा. अगर हम 12वीं की बात करें तो यहां भी पहाड़ी जिलों के छात्र अव्वल रहे.
अल्मोड़ा जिला सबसे अव्वल
12वीं में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक अल्मोड़ा जिले के 87.33 प्रतिशत बच्चे पास होने में सफल रहे. फिर रुद्रप्रयाग 86.79 प्रतिशत और चम्पावत 86.1 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं. 12वीं में 123945 छात्रों ने परीक्षा दी. इसमें से 100380 छात्र पास हुए.
हरिद्वार का रिजल्ट सबसे खराब
वहीं, मैदानी जिले हरिद्वार का रिजल्ट सबसे खराब रहा. यहां 75.37 प्रतिशत बच्चे पास हुए. 12वीं में मेरिट में 130 स्टूडेंट्स ने जगह बनाई. यहां भी ऊधमसिंह नगर के सबसे अधिक 33 स्टूडेंट्स मेरिट में जगह बनाने में कामयाब रहे. 12वीं में 83.49 प्रतिशत बेटियां पास हुईं तो साथ ही 78.48 प्रतिशत लड़के पास हुए.
शिक्षकों में मैदानी इलाकों में तबादले की होड़
10वीं में 88.94 प्रतिशत बेटियां पास हुईं. 81.49 प्रतिशत लड़के सफल रहे. ये नतीजे बताते हैं कि बोर्ड परीक्षा में पहाड़ी जिलों का दबदबा रहा. अमूमन पहाड़ से मैदान में तबादले को लेकर शिक्षकों में होड़ मची रहती है. इसके बावजूद भी मैदान के बजाय पहाड़ी क्षेत्रों के विद्यार्थियों का दबदबा रहा है.