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सूर्य देव के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही इस 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही विवाह समेत सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे. आइए जानते हैं कि इसके बाद दोबारा कब से विवाह की शहनाइयां गूंजेंगी.

इस साल शादी के शुभ मुहूर्त में केवल 2 दिन शेष बचे हैं. 16 दिसंबर को ग्रहों के राजा सूर्य देव  धनु राशि में गोचर कर जाएंगे. इसके साथ ही खरमास का प्रारंभ हो जाएगा. शास्त्रों में खरमास शुरू होने पर किसी भी तरह के मांगलिक या शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है. इन शुभ कार्यों में ग्रह प्रवेश, सगाई, मुंडन संस्कार या शादी-विवाह जैसे कार्यक्रम आते हैं. आइए जानते हैं कि यह खरमास कब खत्म होगा और अगले साल विवाह की शहनाई के लिए कौन-कौन सी तारीख को शुभ मुहूर्त (Vivah Shubh Muhurta in 2023 Year) हैं.

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14 जनवरी 2023 को खत्म होगा खरमास

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अगले साल 14 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति पर सूर्य देव मकर राशि में गोचर (Surya Dev Rashi Parivartan) कर जाएंगे. इसके साथ ही खरमास (Kharmas 2022) की समाप्ति हो जाएगी और फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो सकेंगे. विवाह के लिए 17 जनवरी 2023 से लेकर 14 मार्च 2023 तक शुभ मुहूर्त (Vivah Shubh Muhurta in 2023 Year) रहेंगे. इस दौरान शादियों के लिए कुल 28 शुभ तिथियां उपलब्ध रहेंगे. लोग इनमें से किसी भी शुभ तिथि पर अपने विवाह का प्लान कर सकते हैं.

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वर्ष 2023 में शादी के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt for Vivah in 2023)

जनवरी 2023: 17 जनवरी, 18 जनवरी, 19 जनवरी, 25 जनवरी, 26 जनवरी, 27 जनवरी, 30 जनवरी और 31 जनवरी

फरवरी 2023: 1 फरवरी, 6 फरवरी, 7 फरवरी, 8 फरवरी, 9 फरवरी, 10 फरवरी, 13 फरवरी, 15 फरवरी, 22 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी और 28 फरवरी

मार्च 2023: 1 मार्च, 5 मार्च, 6 मार्च, 7 मार्च, 8 मार्च, 9 मार्च, 11 मार्च और 14 मार्च

खरमास में मांगलिक कार्यक्रमों की मनाही

इसके बाद सूर्य देव 15 मार्च 2023 से मीन राशि में प्रवेश (Surya Dev Rashi Parivartan) कर जाएंगे, जिसके चलते फिर से खरमास (Kharmas 2023) लग जाएगा. ज्योतिष आचार्यों के मुताबिक मीन और धनु दोनों ही देव गुरू बृहस्पति की राशियां हैं, जिनमें प्रवेश करते ही सूर्य देव कमजोर पड़ जाते हैं. जब तक वे इन राशियों में रहते हैं, उसे खरमास कहा जाता है. मान्यता है कि इस माह में विवाह करने से पति-पत्नी के रिश्ते जिंदगीभर कमजोर रहते हैं और उनका कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं हो पाता है. यही वजह है कि खरमास में किसी भी तरह के शुभ कार्यक्रम करने की मनाही रहती है.

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