लोग अपनी कमाई का एक हिस्सा बचत और निवेश करने में लगाते हैं. ऐसे में लोग सरकार के जरिए चलाई जा रही स्कीम में भी पैसा लगा देते हैं. सरकार के जरिए कई ऐसी स्कीम चलाई जा रही है, जिनसे लोगों को टैक्स में भी फायदा मिलता है. साथ ही लंबी अवधि के लिए किए जाने वाले निवेश में लोगों को काफी फायदा भी मिलता है.
साल 2023 की शुरुआत हो चुकी है. नए साल पर लोग एक नई ऊर्जा के साथ जश्न मनाते हैं. साथ ही नए साल के मौके पर लोग नए-नए काम को भी अपनाते हैं. वहीं नए साल के मौके पर लोग अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने की तरफ भी कदम उठाते हैं. हालांकि अब नए साल के मौके पर कुछ लोगों को झटका लगा है. साथ ही लोगों की उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है.
निवेश स्कीम
दरअसल, लोग अपनी कमाई का एक हिस्सा बचत और निवेश करने में लगाते हैं. ऐसे में लोग सरकार के जरिए चलाई जा रही स्कीम में भी पैसा लगा देते हैं. सरकार के जरिए कई ऐसी स्कीम चलाई जा रही है, जिनसे लोगों को टैक्स में भी फायदा मिलता है. साथ ही लंबी अवधि के लिए किए जाने वाले निवेश में लोगों को काफी फायदा भी मिलता है.
पीपीएफ स्कीम
इन्हीं स्कीमों में सरकार की ओर से पब्लिक प्रोविडेंट फंड और सुकन्या समृद्धि योजना भी चलाई जा रही है. दोनों ही स्कीम का उद्देश्य अलग-अलग है. पीपीएफ का उद्देश्य जहां लोगों को निवेश के साथ ही टैक्स में छूट और लंबे समय तक बचत करने को प्रोत्साहन देना है तो वहीं सुकन्या समृद्धि योजना का उद्देश्य बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए सेविंग को प्रोत्साहन देना है.
सुकन्या समृद्धि योजना
दोनों ही स्कीम में अलग-अलग दर पर सालाना आधार पर ब्याज भी दिया जाता है. वहीं लोगों को नए साल के मौके पर ऐसी उम्मीद थी कि पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना में ब्याज बढ़ाया जाएगा, हालांकि ऐसा नहीं हुआ. सरकार की ओर से कुछ छोटी बचत योजनाओं में जरूर ब्याज में इजाफा किया गया है लेकिन पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना में ब्याज नहीं बढ़ाया गया है.
नहीं बढ़ाया ब्याज
फिलहाल हजारों लोग पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना से जुड़े हैं. सरकार की ओर से फिलहाल पीपीएफ पर 7.1% की दर से सालना ब्याज दिया जाता है. वहीं बेटियों के लिए चलाई जा रही स्कीम सुकन्या समृद्धि योजना पर सरकार की ओर से 7.6% की दर से सालाना ब्याज मुहैया करवाया जा रहा है. इन ब्याज में फिलहाल कोई इजाफा नहीं किया गया है.