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क्या जिन लोगों के पहचान पत्र आधार नंबर से लिंक नहीं हैं, उनके नाम वोटर लिस्ट से हट जाएगा? संसद के शीतकालीन सत्र में पूछे गए इस सवाल पर सरकार के जवाब से करोडों लोगों को राहत की सांस मिली है. सरकार ने कहा कि ऐसा बिलकुल भी जरूरी नहीं है कि आप अपने वोटर आईडी को आधार से लिंक कराएं. कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा की कार्यवाही के दौरान एक सवाल के जवाब में लिखित में ये जानकारी दी. उन्होंने कहा कि निर्वाचन विधि (संशोधन) अधिनियम, 2021 में ये प्रावधान रखा गया है कि निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों को वोटर अपना आधार नंबर दे या न दे, ये उसकी इच्छा पर निर्भर करता है.

दरअसल, संसद में केंद्रीय मंत्री से यह सवाल किया गया था कि जिन लोगों के वोटर आईडी कार्ड के साथ आधार नंबर लिंक नहीं हो पाए हैं, क्या उनके नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए जाएंगे? इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, नहीं, ये उनकी इच्छा पर निर्भर है कि वो लिंक करवाते हैं या नहीं.

‘एक देश, एक वोटर लिस्ट’ की उठी मांग

शुक्रवार को ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद विनोद कुमार सोनकर ने लोकसभा में एक देश, एक वोटर लिस्ट की मांग की और कहा कि कहा कि राष्ट्र और लोकतंत्र के हित में ‘एक देश, एक मतदाता सूची’ की व्यवस्था की जानी चाहिए. सांसद विनोद कुमार सोनकर ने सत्र के दौरान नियम 377 के तहत ये मांग रखी.

सोनकर ने अपने संबोधन में कहा, ‘अलग-अलग चुनावों के लिए अलग-अलग वोटर लिस्ट बनाने में सरकार का खर्च बढ़ जाता है. लोगों को बीच भ्रम की स्थिति भी पैदा हो जाती है. मतदाताओं में अविश्वास पैदा होता है, इससे लोकतंत्र कमजोर होता है.’ सोनकर ने केंद्र सरकार से निवेदन करते हुए कहा, ‘‘पीएम मोदी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की बात की है. उसी तरह एक ‘देश एक, वोटर लिस्ट’ भी होना चाहिए. यह देश और लोकतंत्र के पक्ष में रहेगा.’’

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