Lalu Yadav के खिलाफ मामला 2018 में दर्ज किया गया था और मई 2021 में बंद कर दिया गया था. सीबीआई ने लालू प्रसाद के अलावा उनके बेटे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और दो बेटियों रजनी यादव और चंदा यादव को भी मामले में आरोपी बनाया है.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला फिर से खोल दिया है. यह मामला एक प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी को आवंटित भारतीय रेलवे की विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित है. मामला उस समय का है, जब वह केंद्र की यूपीए-2 सरकार में रेलमंत्री थे. लालू के खिलाफ मामला 2018 में दर्ज किया गया था और मई 2021 में बंद कर दिया गया था. सीबीआई ने लालू प्रसाद के अलावा उनके बेटे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और दो बेटियों रजनी यादव और चंदा यादव को भी मामले में आरोपी बनाया है.
रेलमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान लालू प्रसाद ने कथित तौर पर दिल्ली की एक शीर्ष रियल एस्टेट कंपनी द्वारा वित्त पोषित एक शेल कंपनी को दिल्ली और मुंबई में दो परियोजनाएं आवंटित कीं और बदले में दक्षिण दिल्ली में एक संपत्ति ली. लालू प्रसाद इस समय सिंगापुर में गुर्दा प्रत्यारोपण के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं. उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने उन्हें अपनी एक किडनी दान की है.
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा, भाजपा विपक्षी नेताओं के खिलाफ साजिश कर रही है. वे अपने निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं. भाजपा नेता संविधान और संवैधानिक एजेंसियों को नष्ट कर रहे हैं. वे लालू को एक बंद में फंसाना चाहते हैं, ताकि वह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले फिर से जेल चले जाएं.
सिंह ने कहा, गुर्दा प्रत्यारोपण के बाद हर कोई उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर रहा है और भाजपा के शीर्ष नेता उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं. राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा, सीबीआई ने 2018 में उनके कार्यकाल के नौ साल बाद मामला दर्ज किया और उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने पर मई 2021 में बंद कर दिया. सीबीआई के मौजूदा कदम को बदला लेने की कार्रवाई माना जा रहा है, क्योंकि महागठबंधन सरकार लोकप्रियता हासिल कर रही है और नरेंद्र मोदी सरकार के प्रति लोगों का गुस्सा फूट रहा है.
वहीं, जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने भी भाजपा पर अपने राजनीतिक निहित स्वार्थ के लिए सीबीआई का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, भाजपा अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग कर रही है. वह मामला 2021 में बंद कर दिया गया था, फिर भी इसने मामले को फिर से खोल दिया है, जो राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ भाजपा की प्रतिशोध की राजनीति का संकेत है.
भाजपा प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने सफाई दी, सीबीआई एक स्वतंत्र एजेंसी है और इसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है. जांच एजेंसी ने मामला फिर से खोल दिया है, क्योंकि उसका मानना है कि लालू भ्रष्टाचार में शामिल थे. भाजपा का इससे कोई लेना-देना नहीं है. नरेंद्र मोदी सरकार न तो किसी को बचाती है और न ही फंसाती है. राजद नेताओं द्वारा भाजपा पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं. लालू इस समय किडनी प्रत्यारोपण से उबर रहे हैं और हम उम्मीद कर रहे हैं कि वह जल्द ही ठीक हो जाएंगे और जल्द ही बिहार लौट आएंगे.