टीम इंडिया के एक खिलाड़ी का टेस्ट करियर अब 29 साल की उम्र में ही खत्म होता नजर आ रहा है. भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ ने भी अब इस खिलाड़ी से मुंह मोड़ लिया है. श्रेयस अय्यर के जमने के बाद अब इस खिलाड़ी के लिए भारतीय टेस्ट टीम के दरवाजे बंद होते नजर आ रहे हैं.
29 साल की उम्र में खत्म हुआ टीम इंडिया के इस खिलाड़ी का करियर!
टीम इंडिया इन दिनों टेस्ट क्रिकेट बेहद आक्रामक अंदाज में खेलती है. ऐसे में श्रेयस अय्यर ने अपने तूफानी खेल से भारतीय टेस्ट टीम में नंबर 6 की बल्लेबाजी पोजीशन पर कब्जा जमा लिया है. इसी के साथ ही क्रिकेटर हनुमा विहारी की टेस्ट टीम में जगह छिन गई है. हनुमा विहारी को श्रेयस अय्यर से पहले भारतीय टेस्ट टीम में नंबर 6 बल्लेबाजी पोजीशन पर मौका मिलता था, लेकिन अब अचानक से वक्त बदल गया है.
रोहित-द्रविड़ ने भी मोड़ लिया मुंह
श्रेयस अय्यर ने भारत के लिए अभी तक 6 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 50.8 की बेहतरीन बल्लेबाजी औसत से 508 रन बनाए हैं. श्रेयस अय्यर ने भारत के लिए अभी तक टेस्ट क्रिकेट में एक शतक और चार अर्धशतक लगाए हैं. हनुमा विहारी की बात करें तो उनकी बल्लेबाजी श्रेयस अय्यर के मुकाबले बहुत धीमी है और टेस्ट क्रिकेट में उनका प्रदर्शन ज्यादा असरदार भी नहीं रहा है. कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ ने भी हनुमा विहारी को टेस्ट टीम में मौका देना बंद कर दिया है.
तीन साल में इस बल्लेबाज के नाम टेस्ट क्रिकेट में एक भी शतक नहीं
हनुमा विहारी ने भारत के लिए अपना आखिरी टेस्ट मैच इस साल जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में खेला था. हनुमा विहारी इस मैच में बुरी तरह फ्लॉप साबित हुए थे. इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में हनुमा विहारी पहली पारी में 20 रन और दूसरी पारी में सिर्फ 11 रन बनाने में ही कामयाब रहे थे. पिछले तीन साल में इस बल्लेबाज के नाम टेस्ट क्रिकेट में एक भी शतक नहीं है.
टेस्ट टीम में दोबारा जगह मिलना बहुत मुश्किल
श्रेयस अय्यर ने भारतीय टेस्ट टीम में मौके को लपकते हुए नंबर 6 बल्लेबाजी पोजीशन पर अपनी जगह पक्की कर ली है. अब भारतीय टेस्ट टीम में हनुमा विहारी के लिए जगह नहीं बनती है. दुनिया भर में अब टेस्ट क्रिकेट को खेलने का अंदाज बदल गया है. सभी टीमें टेस्ट मैच ड्रॉ कराने की जगह नतीजे के लिए आक्रामक क्रिकेट खेल रही हैं. श्रेयस अय्यर के रहते तो अब हनुमा विहारी को टेस्ट टीम में दोबारा जगह मिलना बहुत मुश्किल है.