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पौष पूर्णिमा से माघ माह का स्नान शुरू हो गया। शुक्रवार को मां शाकुंभरी का जन्मदिवस भी होता है।

पौष पूर्णिमा पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। सुबह चार बजे से हरकी पैड़ी एवं आसपास के गंगा घाटों पर श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचने शुरू हो गए। श्रद्धालुओं की आस्था कड़ाके की सर्दी पर भारी पड़ी। दिन में धूप निकलने पर भीड़ बढ़ती गई। श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों पर पितरों के निमित डुबकी लगाकर मां गंगा से परिवार के सुख समृद्धि और पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

पौष पूर्णिमा से माघ माह का स्नान शुरू हो गया। शुक्रवार को मां शाकुंभरी का जन्मदिवस भी होता है। उत्तराखंड के अलावा यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब से श्रद्धालु पौष पूर्णिमा पर गंगा में डुबकी लगाने हरिद्वार पहुंचे। सुबह चार बजे से हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की चहल पहल शुरू हो गई थी।

श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई और पितरों की याद में दीपदान किया। गरीबों को दान कर पुण्य कमाया। गंगा घाटों पर दोपहर तीन बजे तक काफी पहल पहल रही। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर आसपास के मंदिरों में भी दर्शन किए। पूर्णिमा तिथि शनिवार 7 जनवरी की सुबह 4.37 बजे तक रहेगी। लिहाजा, शाम तक भी कई श्रद्धालु गंगा घाटों पर स्नान करते दिखे।हाईवे से लेकर शहर में वाहनों का दबाव 

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काफी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से हाईवे पर दिनभर वाहनों का दबाव रहा। कई जगहों पर जाम जैसी स्थिति रही। पुलिस को खूब पसीना बहाना पड़ा। प्रेम नगर आश्रम, चंद्राचार्य चौक, शंकराचार्य चौक, चंडीघाट चौक, शिवमूर्ति तिराहा, रोड़ीबेलवाला, तुलसी चौक, सिंह द्वार चौक और रानीपुर मोड़ के पास सुबह से रात तक कई बार जाम लगा।

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पूरे महीने चलेगा स्नान 
ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि पूरे साल में 12 पूर्णिमा होती हैं। सभी पूर्णिमा का अपना महत्व है। शुक्रवार को पौष पूर्णिमा से माघ का स्नान शुरू हो गया। पूरे 30 दिनों तक स्नान चलेगा। कुछ श्रद्धालु पूरे मास में गंगा किनारे धार्मिक अनुष्ठान करेंगे। पौष पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने पितरों के निमित भी गंगा स्नान किया।

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