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लालकुआं तहसील क्षेत्र में अवैध खनन का खेल रोके नहीं रुक रहा है। पुलिस द्वारा चलाए गए छापेमारी अभियान के बावजूद खनन माफिया के हौसले बुलंद है। वहीं, खनिज विभाग व तहसील प्रशासन मामले में चुप्पी साधे बैठा है। खनन माफियाओं द्वारा नदियों का सीना चीरकर रोजाना लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है।

नदियों से आरबीएम (खनिज) निकालने के लिए कई जगहों पर खनन माफिया द्वारा गलत तरीके से जेसीबी का उपयोग भी किया जा रहा है। एक तरफ चोरी किए गए खनिज को लेकर जाने वाले वाहनों की गति के कारण आए दिन कोई ना कोई दुर्घटना होते रहती है। उधर प्रशासन आंखे बंद करके किसी अनहोनी की उम्मीद में बैठा है।
वहीं, अवैध खनन से नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। इससे पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है। इतना ही नहीं, बड़ी नदियों से छोटी नदियों में जाने वाले पानी का वाटर लेवल भी नीचे आ गया है।
और इस कारोबार को संचालित करने वालों पर खनिज विभाग का पूर्णरूपेण संरक्षण होने के कारण शिकायतों के बाद भी किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यही कारण है कि यहां पर खुलेआम यह अवैध खनन अनवरत रूप से जारी है और इस पर किसी की भी रोक टोक नहीं है।

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रात्रि से शुरू होता है अवैध खनन का कार्य

यहां पर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस अवैध रूप से संचालित खदान पर रात्रि से पोकलेन एवं जेसीबी मशीन से खनन कर लगातार ही सैकड़ों की तादाद में डंपर और ट्रैक्टर से गांव और शहर की बन रही नवनिर्मित कालोनियों एवं कुछ सड़कों के निर्माण कार्य में सप्लाई किया जा रहा है और यह क्रम रात्रि से सुबह तक अनवरत रूप से जारी रहता है। दिन में यह कार्य पूर्ण रूपेण बंद रहता है जिससे कि इस बात के प्रमाण ना हो कि कहीं पर अवैध खनन चल रहा है

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खनिज विभाग का खुला संरक्षण

वर्तमान में पदस्थ खनिज अधिकारी एवं उनके खनिज निरीक्षकों द्वारा छोटे-छोटे मामलों में जिनमें कि शासन द्वारा छूट प्रदान की गई है। उन वाहनों को पकड़ कर कार्रवाई की जाती है और उनसे मोटी रकम वसूली जाती हैं लेकिन शहर के समीप स्थित हो रहे इस भारी-भरकम अवैध खनन कार्य में इस विभाग के किसी भी अधिकारी की नजर नहीं पड़ रही है। कारण सिर्फ इतना है कि इन माफियाओं द्वारा खनिज विभाग के प्रत्येक अधिकारी कर्मचारी को सुविधा शुल्क से नवाजा जा रहा है यही कारण है कि इन अधिकारियों द्वारा इस बात की जानकारी होते हुए भी यहां पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
वहीं रात्रि के समय बड़ी संख्या में ट्रैक्टर और डंपर के गांव में पहुंचने के कारण ग्रामवासी भी परेशान है क्योंकि देर रात जब सोने का समय होता है तब तेज आवाज के साथ निकलते यह डंफर आम लोगों को परेशानियों का सबक बनते है। स्थानीय लोगों द्वारा शीघ्र कार्रवाई की मांग की गई है।

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