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दुष्कर्म के मामले में पीड़िता और उसकी मां के बयानों से पलटने के बावजूद अदालत ने नाबालिग अभियुक्त को मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि होने के आधार पर 20 साल कारावास की सजा सुनाई है।

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रामनगर क्षेत्र की एक महिला ने चार नवंबर 2023 को एक किशोर के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि अभियुक्त ने कक्षा आठ में पढ़ रही उनकी बेटी का वीडियो वायरल करने की धमकी दी थी।

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दबाव बनाकर उसने उसे रामनगर के एक रेस्तरां में बुलाया और वहां से एक होटल में ले गया जहां उसने उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया। घटना की रात छात्रा का मेडिकल कराया गया। चार्जशीट दाखिल हुई और मामला कोर्ट में पहुंचा।

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जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 के तहत पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई की गई। पीड़िता की ओर से केस लड़ रहे एडीजीसी नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि कोर्ट में गवाही के समय पीड़ित छात्रा और उसकी मां अपने बयानों से पलट गए। बताया कि जब कोर्ट में बतौर साक्ष्य पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट पेश की गई तो उसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई।

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एडीजीसी नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक, मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने वाली डॉ. अनुपमा ह्यांकी की गवाही कराई गई तो उन्होंने दुष्कर्म होने की पुष्टि की। सुप्रीम कोर्ट की शब्दावली का उदाहरण देते हुए स्पेशल जज पॉक्सो नंदन सिंह ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर नाबालिग अभियुक्त को 20 वर्ष के कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई है।

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