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भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा टेस्ट मैच रांची में खेला जा रहा है. इस मुकाबले के दौरान इंग्लिश खिलाड़ियों की खेल भावना पर सवाल खड़े हुए हैं. इंग्लिश खिलाड़ी भारतीय कप्तान रोहित शर्मा से सीख सकते हैं, जिन्होंने मैच के पहले दिन खेल भावना की अनोखी मिसाल पेश की थी.

भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का चौथा मुकाबला रांची के जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम कॉम्प्लेक्स में खेला जा रहा है. मुकाबले में इंग्लैंड ने जो रूट के नाबाद शतक की बदौलत अपनी पहली पारी में 353 रन बनाए थे. जवाब में भारतीय टीम ने दूसरे दिन (24 फरवरी) का खेल समाप्त होने तक सात विकेट पर 219 रन बना डाले. ध्रुव जुरेल 30 और कुलदीप यादव 17 रन पर नाबाद हैं. भारत पहली पारी के आधार पर इंग्लैंड से अब भी 134 रन पीछे है.

इंग्लिश टीम की खेल भावना पर उठे सवाल

मुकाबले के दौरान इंग्लिश खिलाड़ियों की खेल भावना पर भी सवाल खड़े हुए हैं. दरअसल भारत की पहली पारी के 20वें ओवर में ओली रोबिन्सन की गेंद पर अंग्रेज खिलाड़ियों ने यशस्वी के खिलाफ कॉट बिहाइंड की अपील की थी. यशस्वी पूरी तरह आश्वस्त थे कि गेंद जमीन को छूकर विकेटकीपर के ग्लव्स में गई है. फिर भी अंग्रेज खिलाड़ी जश्न मना रहे थे. जो रूट समेत सभी इंग्लिश खिलाड़ियों को यकीन था कि यशस्वी आउट हो चुके हैं.

उधर मैदानी अंपायर्स ने सूझबूझ दिखाते हुए थर्ड अंपायर के पास पूरे मामले को रेफर किया. तीसरे अंपायर जोएल विल्सन ने उन्हें नॉटआउट करार दिया क्योंकि गेंद विकेटकीपर के ग्लव्स में जाने से पहले जमीन को छू चुकी थी. तीसरे अंपायर के निर्णय के बाद कप्तान बेन स्टोक्स काफी आगबबूला हो गए. उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि यशस्वी आउट होने से बच कैसे गए.

यहां पर इंग्लिश खिलाड़ी भारतीय कप्तान रोहित शर्मा से सीख सकते थे. रांची टेस्ट मैच के ही दौरान रोहित शर्मा ने खेल भावना की अद्भुत मिसाल पेश की थी. मैच के पहले दिन रोहित ने जो रूट का स्लिप में कैच लिया था. हालांकि रोहित इस बात को लेकर निश्चित नहीं थे कि उन्होंने गेंद को सही से लपका है या नहीं. ऐसे में उन्होंने खुद ही मैदानी अंपायर से इसे रेफर करने के लिए कहा. तब थर्ड अंपायर विल्सन ने रिप्ले देखने के बाद ये माना था कि गेंद रोहित के हाथों में जाने से पहले बाउंस कर चुकी है और उन्होंने रूट को नॉटआउट करार दिया.

क्या अब अंपायर्स कॉल को लेकर बोलेंगे स्टोक्स?

बता दें कि राजकोट टेस्ट में हार के बाद इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स ने अंपायरिंग पर ही सवाल खड़े कर दिए थे. बेन स्टोक्स ने तब कहा था कि राजकोट टेस्ट मैच के दौरान DRS तकनीक में खामी के कारण तीन निर्णय उनके खिलाफ गए. स्टोक्स ने मांग की थी कि इंटरनेशनल क्रिकेट में डीआरएस के दौरान अंपायर्स कॉल को खत्म किया जाए. हालांकि रांची टेस्ट मैच में वही अंपायर्स कॉल इंग्लिश टीम को फायदा पहुंचा रहा है. भारत की पहली पारी में तीन बल्लेबाज अब तक एलबीडब्ल्यू आउट हुए हैं. तीनों मौकों पर अंपायर्स ने भारतीय बल्लेबाजों को आउट दिया था, जिसके बाद भारत की ओर से रिव्यू लिया गया. रिव्यूज के दौरान अंपायर्स कॉल होने के चलते मैदानी अंपायर्स का फैसला कायम रहा था. यदि मैदान अंपायर तीनों मौकों पर नॉटआउट का निर्णय दिए रहते तो तो भारतीय बल्लेबाज बच जाते.

बेन स्टोक्स ने राजकोट टेस्ट के बाद कहा था, ‘हम इस खेल में तीन अंपायर्स कॉल के दौरान गलत एंड पर थे. अंपायर्स कॉल डीआरएस का हिस्सा है. आप या तो सही तरफ हैं या गलत तरफ. दुर्भाग्य से, हम गलत एंड पर थे. हम जैक क्राउली के डीआरएस पर कुछ स्पष्टता चाहते थे. रिप्ले में गेंद साफ स्टंप से चूकती हुई दिख रही है. हम हॉकआई से कुछ स्पष्टता चाहते थे. नंबर्स के मुताबिक यह स्टंप हिट कर ही थी लेकिन ‘प्रोजेक्शन’ गलत था. मैं इसका मतलब नहीं जानता. कुछ गलत हुआ है, ऐसा नहीं है कि मैं किसी को दोष दे रहा हूं.’

रांची टेस्ट में भारतीय टीम की प्लेइंग-11: यशस्वी जयसवाल, रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, रजत पाटीदार, सरफराज खान, रवींद्र जडेजा, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, आकाश दीप.

चौथे टेस्ट मैच के लिए इंग्लैंड की प्लेइंग-11: जैक क्राउली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, जॉनी बेयरस्टो, बेन स्टोक्स (कप्तान), बेन फोक्स (विकेटकीपर), टॉम हार्टले, ओली रॉबिन्सन, जेम्स एंडरसन, शोएब बशीर.

भारत Vs इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का शेड्यूल
1st टेस्ट: 25-29 जनवरी, हैदराबाद (इंग्लैंड 28 रनों से जीता)
2nd टेस्ट: 2-6 फरवरी, विशाखापत्तनम  (भारत 106 रनों से जीता)
3rd टेस्ट: 15-19 फरवरी, राजकोट (भारत 434 रनों से जीता)
4th टेस्ट: 23-27 फरवरी, रांची
5th टेस्ट: 7-11 मार्च, धर्मशाला

 

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