एक साथ 300 ब्रह्मोस डैन्स की होगी क्षमता, इंडियन नेवी का अगला प्लान दुश्मनों पर कहर की गारंटी
नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने दुनिया को अपनी सैन्य ताकत का एहसास करा दिया। इस ऑपरेशन में फायर की गई ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने जो तबाही मचाई, उसने दुश्मनों के साथ-साथ वैश्विक रक्षा विशेषज्ञों का भी ध्यान खींचा। अब भारतीय नौसेना अपनी सामरिक ताकत को और कई गुना बढ़ाने जा रही है। आने वाले वर्षों में भारत एक साथ करीब 300 ब्रह्मोस मिसाइल डैन्स (लॉन्च पॉइंट्स) की क्षमता हासिल कर लेगा।
दो नए युद्धपोत ‘उदयगिरि’ और ‘हिमगिरि’ शामिल
नौसेना को हाल ही में दो नए गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट – आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि – मिलने जा रहे हैं। ये दोनों युद्धपोत ब्रह्मोस मिसाइल से लैस होंगे और दुश्मन जहाजों या स्थलीय ठिकानों पर विनाशकारी प्रहार करने में सक्षम होंगे। इनके शामिल हो जाने से नौसेना की मारक क्षमता और समुद्री प्रभुत्व दोनों और मजबूत हो जाएंगे।
अब तक 14 फ्रिगेट्स, हर एक पर 8 ब्रह्मोस लॉन्चर
इन नए जहाजों के जुड़ने के बाद भारतीय नौसेना के पास अब कुल 14 गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट हो गए हैं। हर फ्रिगेट पर 8 वर्टिकल लॉन्च ब्रह्मोस एंटी–शिप लॉन्चर्स लगाए गए हैं।
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तलवार क्लास फ्रिगेट: 2003 से नौसेना में शामिल हुए, जिनमें से 6 सर्विस में हैं। इनमें से 4 पर ब्रह्मोस पहले ही लग चुका है और 2 पर काम चल रहा है।
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रूस समझौता 2016: रूस के साथ हुए समझौते के तहत 4 नए तलवार क्लास युद्धपोतों का निर्माण हो रहा है। इनमें से तुषील और तमाल को नौसेना में शामिल किया जा चुका है, जबकि बाकी दो जल्द ही बेड़े में आ जाएंगे।
भविष्य में कुल 20 फ्रिगेट्स, ब्रह्मोस से लैस होंगे सब
निकट भविष्य में नौसेना के पास कुल 20 गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट्स होंगे।
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इनमें 7 नीलगिरी क्लास,
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3 शिवालिक क्लास,
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और 10 तलवार क्लास फ्रिगेट्स शामिल होंगे।
इन सभी में ब्रह्मोस लॉन्चिंग क्षमता होगी।
डेस्ट्रॉयर्स में भी 16 लॉन्चर्स
फ्रिगेट्स के अलावा भारतीय नौसेना के पास कुल 13 डेस्ट्रॉयर्स हैं।
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नए डेस्ट्रॉयर्स में 16 ब्रह्मोस लॉन्चर लगे हैं,
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जबकि पुराने डेस्ट्रॉयर्स में 8 लॉन्चर लगे हुए हैं।
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इनमें 4 विशाखापत्तनम क्लास गाइडेड मिसाइल विध्वंशक भी शामिल हैं।
ब्रह्मोस: दुश्मन के लिए ‘वन शॉट – वन किल’
विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रह्मोस भारत की सामरिक ताकत की रीढ़ बन चुका है। इस मिसाइल की खासियत यह है कि यह दुश्मन को पलभर में तबाह कर सकती है और इसका ट्रैक करना लगभग नामुमकिन है। लंबी दूरी, सुपरसोनिक स्पीड और हर प्लेटफार्म (जल, थल, वायु) से लॉन्च क्षमता इसे दुनिया की सबसे घातक मिसाइलों में से एक बनाती है।






