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इन्फ्लूएंजा वायरस नया वायरस नहीं है। हर साल इसके रूप बदलते रहते हैं। इस वायरस का नया रूप एच3एन2 है। इंफ्लुएंजा-बी वेरिएंट पहले आया था पर यह अभी खत्म नहीं हुआ है।

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दून अस्पताल में 35 वर्षीय एक मरीज इन्फ्लूएंजा एच3एन2 पॉजिटिव आने के बाद अब सरस्वती विहार की 65 वर्षीय एक वृद्धा इन्फ्लूएंजा-बी पॉजिटिव मिली है। वृद्धा को भी आईसीयू में भर्ती कराया गया है।

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फिलहाल दोनों मरीजों की हालत बेहतर है। दोनों को सांस की समस्या हो रही है।

दून अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. धनंजय डोभाल ने बताया कि इन्फ्लूएंजा वायरस नया वायरस नहीं है। हर साल इसके रूप बदलते रहते हैं। इस वायरस का नया रूप एच3एन2 है।

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इंफ्लुएंजा-बी वेरिएंट पहले आया था पर यह अभी खत्म नहीं हुआ है। अगर मरीज की इम्यूनिटी कमजोर होती है तो मरीज वायरस की चपेट में आ जाता है।

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डॉ. डोभाल ने कहा कि एच3एन2 के बाद अस्पताल में इन्फ्लूएंजा-बी वेरिएंट का मरीज भी मिला है। इसमें मरीज सर्दी, खांसी, बुखार और सांस की समस्या से पीड़ित होते हैं। जिन मरीजों की इम्युनिटी कमजोर होती है,

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उन मरीजों पर वायरस का प्रभाव अधिक हो जाता है। हालांकि, डरने की बात नहीं है। इस वायरस के कई मरीज मिल चुके हैं लेकिन मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही है।

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