लालकुआं (अग्रसर भारत न्यूज)।
कहते हैं ‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’। लालकुआं में मंगलवार की शाम यह कहावत चरितार्थ होती दिखी, जब घर से भटक कर घने जंगल की ओर जा रही एक 9 वर्षीय मासूम बच्ची को समाजसेवियों की सतर्कता और पुलिस की तत्परता ने किसी अनहोनी का शिकार होने से बचा लिया।
अम्बेडकर नगर के पीछे जंगल में मिली बच्ची
मंगलवार शाम करीब 6 बजे, अम्बेडकर नगर (वार्ड नंबर 1) के पीछे स्थित जंगल की ओर एक छोटी बच्ची को अकेला भटकते देख स्थानीय समाजसेवियों के कान खड़े हो गए। अनहोनी की आशंका को देखते हुए उन्होंने तुरंत इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी। मौके पर पहुँची पुलिस टीम ने बच्ची को अपनी सुरक्षा में लिया और कोतवाली लेकर आए।
दो घंटे तक चला ‘ऑपरेशन पहचान’
कोतवाली में प्रभारी निरीक्षक ब्रजमोहन सिंह राणा और समाजसेवियों ने मिलकर बच्ची से उसका नाम और पता जानने की काफी कोशिश की, लेकिन मासूम कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं थी। पुलिस की टीम आसपास के क्षेत्रों में भी सूचना फैला रही थी। लगभग दो घंटे तक पुलिस और समाजसेवी बच्ची को दुलारते रहे और उसके घर का सुराग जुटाते रहे।
संजय नगर से ढूंढते हुए पहुँचे परिजन
रात करीब 8:30 बजे, संजय नगर (बजरी कंपनी) से कुछ लोग अपनी लापता बच्ची को ढूंढते हुए बदहवास हालत में कोतवाली पहुँचे। वहां अपनी लाडली को सकुशल देख माता-पिता की आँखों से आंसू छलक आए और उनकी जान में जान आई। बच्ची के पिता ने बताया कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और वह खेलते-खेलते घर से निकल गई थी।
पुलिस और समाजसेवियों की सजगता ने टाला बड़ा हादसा
कोतवाली प्रभारी ब्रजमोहन सिंह राणा ने जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बच्ची को उसके परिजनों के सुपुर्द किया। यदि समाजसेवी समय पर बच्ची को न देखते, तो कड़ाके की ठंड और जंगल के खतरों के बीच कोई बड़ी अप्रिय घटना घट सकती थी। परिजनों ने पुलिस प्रशासन और नगर के जागरूक नागरिकों का तहे दिल से आभार व्यक्त किया है।


