खटीमा, वनखंडी महादेव शिव मंदिर चकरपुर के पीछे बाघ ने हमला कर एक साईकिल सवार वृद्ध को अपना निवाला बना डाला है। बाघ के हमले की सूचना पर ग्रामीण और वनकर्मियों ने घटना स्थल से कुछ दूरी से शव बरामद कर लिया। इधर घटना स्थल पर बाघ के दुबारा आने पर वनकर्मियों और ग्रामीणों में भगदड़ मच गई। जिसपर वन विभाग द्वारा हवाई फायर करने पर बाघ जंगल की ओर भाग गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इधर ग्रामीणों में वनकर्मियों के खिलाफ गहरा आक्रोश है।
खेतलसंडा मुस्ताजर निवासी प्रेम चंद (70) पुत्र स्वर्गीय कालू चंद बुधवार सुबह अपने भाई करम चंद के घर से चकरपुर बाजार में स्थित होटल में काम करने के लिए अपनी साइकिल से निकले थे। इसी बीच वनखंडी महादेव मंदिर के पीछे बाघ ने साइकिल पर झपट्टा मारकर उन्हें गिरा दिया और घसीट कर झाड़ियों में ले गया और मौत के घाट उतार दिया। जब प्रेम चंद होटल नहीं पहुंचे तो होटल स्वामी परिजनों से पूछताछ की। इसके बाद उनकी ढूढ़ खोज की गई तो वनखंडी मंदिर को जाने वाले रास्ते में साईकिल पड़ी मिली।
ग्रामीणों द्वारा खोजबीन करने पर घटना स्थल से करीब 50 मीटर दूर झाड़ियों में शव पड़ा मिला। घटना की सूचना तत्काल वन विभाग व पुलिस को दी। सूचना पर एसडीओ संचिता वर्मा, रेंजर महेश चंद्र जोशी दलबल के साथ घटना स्थल पर पहुंच गए। वन विभाग व पुलिस टीम ने शव को झाडियों से बाहर निकाल कर कब्जे में ले लिया। इसी दौरान बाघ फिर घटना स्थल पर आ गया जिससे वनकर्मी और ग्रामीणों में भगदड़ मच गई।
मौके पर मौजूद वनकर्मियों की दो राउंड फायरिंग के बाद बाघ जंगल की ओर भाग गया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया। बाघ के हमले के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। मौके पर पहुंचे वन अधिकारियों का ग्रामीणों ने घेराव कर बाघ के आतंक से निजात दिलाने की मांग की। ग्राम प्रधान व ग्रामीणों ने बाघ को आदमखोर घोषित करने और बाघ को पकड़ने के लिए पिंजारा लगाने की मांग की।