लेह/लद्दाख। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के लागू किए जाने की मांग को लेकर बुधवार को चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन ने अचानक उग्र रूप ले लिया। दोपहर में लेह शहर की सड़कों पर हजारों युवा प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए निकल पड़े, जिनकी सुरक्षाबलों से झड़प हो गई। देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए और हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 80 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। इनमें 40 पुलिस और CRPF के जवान भी शामिल हैं
।प्रदर्शनकारियों ने भाजपा दफ्तर, सरकारी भवनों और पुलिस वाहनों में आग लगा दी। प्रशासन ने हालात संभालने के लिए लेह और करगिल में कर्फ्यू लगा दिया है और इंटरनेट की स्पीड धीमी कर दी गई है। कुछ स्थानों पर इंटरनेट पूरी तरह बंद है। पुलिस कार्रवाई में 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है। शहर के संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस और सीआरपीएफ बल तैनात है, जबकि आम जनता को घरों में रहने और शांति बनाए रखने की अपील की गई है
।प्रदर्शनों का मुख्य केंद्र केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य बनाने और छठी अनुसूची की मांग थी। बीते पांच सालों से ये आंदोलन शांतिपूर्वक चल रहा था, लेकिन राष्ट्रपति और केंद्र सरकार से ठोस जवाब न मिलने के कारण युवाओं में निराशा और गुस्सा रहा, जिससे हालात हाथ से निकल गए। प्रशासन के मुताबिक, मामले की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई होगी। साथ ही 6 अक्टूबर के लिए सरकार और लद्दाख प्रतिनिधिमंडल के बीच संवाद प्रस्तावित है
।फिलहाल, लेह समेत पूरे लद्दाख क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण, किंतु नियंत्रण में बताई जा रही है। प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है और भू-राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस प्रदेश में किसी भी अवांछित स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी की जा चुकी है।





