शुक्रवार को कुमाऊं के सबसे बड़ी गौला नदी, नंधौर और शारदा नदी से खनन सत्र समाप्त होते ही फावड़े व बेल्चों की खनखनाहट भी बंद हो गई है. इस बार खनन कार्य से सरकार को भी भारी भरकम राज्यों से की प्राप्ति हुई है.
बात गौला नदी की करें तो इस बार सरकार द्वारा 42.44 लाख घन मीटर खनन निकासी का लक्ष्य रखा गया था जिसके सापेक्ष में 41.40 लाख घन मीटर की अप खनिज की निकासी हुई. जहां सरकार को करीब 127 करोड़ 30 लाख की राजस्व की प्राप्ति हुई है.इसके अलावा नंधौर नदी से 727546 घन मीटर की निकासी होनी थी, जिसके सापेक्ष में 720246 घन मीटर की निकासी हुई है. जहां सरकार को 20 करोड़ 18 लाख 84000 की राजस्व की प्राप्ति हुई है.
इसके अलावा शारदा नदी में इस वर्ष 322016 घन मीटर का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष में 310017 घन मीटर की निकासी हुई है जिसके सापेक्ष में करीब 10 करोड़ की राजस्व की प्राप्ति हुई है.
प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग हिमांशु बागड़ी ने बताया शुक्रवार को खनन सत्र संपन्न हो गया. मानसून सत्र को देखते हुए नदी को हर साल खनन कार्य के लिए बंद कर दिया जाता है. अक्टूबर माह में अब फिर से खनन कार्य शुरू होगा. अब नदी में जाने वाले सभी रास्तों पर खाई खोदने का काम किया जा रहा है. जिससे नदी में अवैध खनन न हो सके. उन्होंने बताया अवैध खनन की रोकथाम के लिए सचल दल व गश्ती टीम को अलर्ट किया गया है.