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लालकुआं/हल्दूचौड़। क्षेत्र के समाजसेवी और प्रॉपर्टी डीलिंग का कार्य करने वाले महेश जोशी की आत्महत्या ने स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। ग्रामीणों ने इस आत्महत्या को महज आत्महत्या नहीं बल्कि मानसिक उत्पीड़न से प्रेरित हत्या बताया है।

ग्रामीणों का आरोप है कि महेश जोशी ने आत्महत्या से पहले छोड़े गए सुसाइड नोट में एक उपराजस्व निरीक्षक को सीधा दोषी ठहराते हुए लिखा है कि लगातार उत्पीड़न और जमीन की फाइलों को लंबित रखे जाने से वह अवसाद में चले गए थे। इसी के चलते उन्होंने आत्मघाती कदम उठाया।सोमवार शाम जब महेश जोशी का शव कोतवाली पहुंचा, तो वहां परिजनों के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए। महिलाएं शव को देखकर फूट-फूट कर रोने लगीं और उनके करुण क्रंदन से हर किसी की आंखें नम हो गईं।ग्रामीणों ने एक सुर में कहा कि उपराजस्व निरीक्षक को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर गिरफ्तारी की जाए।

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प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारी को निलंबित और गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।हालात पर काबू पाने के लिए मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट, पुलिस क्षेत्राधिकारी और तहसीलदार पहुंचे और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद ग्रामीण कोतवाली परिसर में बैठे हुए हैं और बर्खास्तगी व गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं।मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधिगण भी पहुंचे। इनमें विधायक डॉक्टर मोहन बिष्ट, हरेंद्र बोरा, हेमवती नंदन दुर्गापाल, कुंदन मेहता, कमलेश चंदोला, पुष्कर सिंह दानू, कनिष्ठ ब्लॉक प्रमुख कमल भंडारी, ग्राम प्रधान रुक्मणी नेगी, कैलाश भट्ट, रमेश जोशी, पीयूष जोशी, इंदर सिंह बिष्ट, उमेश फुलारा, दिनेश जोशी, पंकज गोस्वामी और मुकेश दुम्का समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।स्थिति को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने अतिरिक्त बल तैनात किया है और अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों द्वारा बातचीत कर मामले को शांत कराने के प्रयास जारी हैं।