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लालकुआं और हल्दूचौड़ क्षेत्र में फर्जी तरीके से मेडिकल स्टोर और क्लिनिक संचालन के साथ-साथ मेडिकल स्टोर की आड़ में मरीजों को दवाइयां देने और उनके इलाज करने की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने छापेमारी की है. जिसके तहत 6 क्लिनिक और मेडिकल स्टोर को सील करने की कार्रवाई की गई है. छापेमारी की सूचना मिलते ही अन्य मेडिकल संचालक और क्लीनिक संचालक अपनी अपनी दुकानें बंद कर फरार हो गए.

तहसीलदार लालकुआं मनीषा बिष्ट और अपर मुख्य चिकित्साधिकारी नैनीताल डॉ. रजत भट्ट के संयुक्त नेतृत्व में चिकित्सकों और राजस्व कर्मचारियों की टीम ने हल्दूचौड़ क्षेत्र के झोलाछाप और निजी डॉक्टरों के क्लिनिकों में छापेमारी शुरू की. सबसे पहले मुख्य बाजार हल्दुचौड़ स्थित एक क्लिनिक में छापा मारा, जहां पर क्लिनिक संचालक के पास नेचरोपैथी योगा की डिग्री थी, लेकिन इसकी आड़ में उसके द्वारा मिनी मेडिकल स्टोर चलाया जा रहा था और भारी मात्रा में इंजेक्शन और दवाएं बेची जा रही थी. टीम ने क्लिनिक को सीज करते हुए 10 हजार रुपये का चालान किया है.

एक अन्य मेडिकल में भी छापेमारी की गई, जहां मेडिकल स्टोर की आड़ में लोगों का इलाज किया जा रहा था. जिसके नाम का मेडिकल रजिस्ट्रेशन था, वह भी मेडिकल में अनुपस्थित पाया गया. जिससे टीम ने संचालक के खिलाफ 10 हजार रुपए का चालान किया और उक्त क्लिनिक सील कर दिया गया. इसी बीच टीम ने वहां से भारी मात्रा में इंजेक्शन और दवाएं बरामद की. वहीं, तीसरे अन्य क्लीनिक के पास नेचुरोपैथी की डिग्री थी, लेकिन क्लीनिक में दवा इंजेक्शन के साथ-साथ भारी मात्रा में प्रयोग किए गए सिरिंज भी बरामद हुए हैं. यहां भी चालान की कार्रवाई करते हुए संचालक को तीन दिन के भीतर सीएमओ कार्यालय पहुंचने के निर्देश दिए गए. साथ ही क्लिनिक सीज कर दिया गया है.

डेंटल क्लीनिक में भी छापेमारी की गई, तो संचालक के पास कोई भी वैध डिग्री नहीं पाई गई, जबकि क्लिनिक में डेंटिस्ट का कार्य किया जा रहा था. एलोपैथिक मेडिसिन भी मौके से बरामद हुई हैं. इसी बीच टीम ने क्लीनिक सील कर दिया है. इसके अलावा लालकुआं स्थित मुख्य बाजार स्थित एक क्लिनिक में भी छापेमारी की गई और क्लिनिक संचालक को तीन दिन के भीतर सीएमओ कार्यालय में प्रपत्र के साथ पहुंचने के निर्देश दिए गए.