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पावन गंगा तीर्थ नगरी में एक दर्जन से ज्यादा अवैध मजारें सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करके बनाई गईं हैं। इन फर्जी और अवैध मजारों को हटाने के लिए जिला प्रशासन कोई ठोस रणनीति नहीं बना पा रहा है।

भारत हैवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड की भूमि पर अतिक्रमण करके अवैध मजारें बना दी गईं हैं, भेल के सेक्टर 1 ट्रेनिंग सेंटर के सामने मजार बना दी गई है। एक मजार रोशनाबाद कोर्ट के भीतर भी बनी हुई है। जिसे हटाने लिए प्रशासन को कई पत्र भेजे जा चुके हैं। एक अन्य मजार ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में बनी हुई देखी गई है। वहीं शहर में पूर्व मेयर मनोज गर्ग के घर के पास गोविंदपुरी में मजार बना दी गई, इसी के साथ वर्तमान विधायक मदन कौशिक के घर के पास भी खन्ना नगर में एक मजार चिन्हित की गई है। एक अन्य मजार ज्वालापुर में रेलवे साइड में चिन्हित की जा चुकी है।

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बड़ा सवाल ये है कि सनातन तीर्थ नगरी हरिद्वार में आखिर कैसे इतनी मजारें बनती चली गईं ? एक समय ऐसा भी था कि हरिद्वार में गैर हिंदू के रहने और संपत्ति खरीदने पर पाबंदी थी और आज ये हालात हैं कि यहां अवैध मजारों का जाल सा बिछ गया है। पिछले दिनों हरिद्वार प्रशासन ने अवैध मजारें हटाने का अभियान शुरू भी किया था, लेकिन एकाएक उसे स्थगित कर दिया गया। वहीं संत समाज, जूना अखाड़े के स्वामी यतीश आनंद जी महाराज ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से हरिद्वार का सनातन स्वरूप बनाए रखे जाने का अनुरोध किया है। अखाड़ा परिषद ने भी हरिद्वार से अधर्मी और अवैध धार्मिक चिन्हों को हटाए जाने की मांग की है।