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नैनीताल। उत्तराखंड पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसा, अपहरण और गोलीकांड के बाद नैनीताल जिले में पुलिस विभाग पर जिम्मेदारी तय करते हुए बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। बेतालघाट और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव से जुड़ी घटनाओं में कानून-व्यवस्था संभालने में खामी उजागर होने पर सीओ सहित कुल आठ अधिकारी-कर्मचारियों पर गाज गिरी है। इनमें से तीन को निलंबित कर दिया गया है, जबकि अन्य का तबादला या लाइन हाजिर किया गया है।

किस पर गिरी गाज? पूरी लिस्ट

👉 निलंबन:

  • एएसआई उदय सिंह राणा

  • एएसआई अमित चौहान

  • बेतालघाट एसओ अनीश अहमद

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👉 तबादला:

  • सीओ प्रमोद साह – आईआरबी देहरादून भेजे गए

  • तल्लीताल एसओ रमेश सिंह बोहरा – अल्मोड़ा स्थानांतरित

👉 लाइन हाजिर:

  • एक कांस्टेबल

  • एक महिला कांस्टेबल

  • एक अग्निशमन कर्मी

इसके अलावा, पीएसी कर्मियों पर कार्रवाई के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा गया है।

अब तक 10 गिरफ्तारी, 6 से अधिक मुकदमे दर्ज

एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने पत्रकार वार्ता में स्पष्ट किया कि चुनावी घटनाएं पुलिस विभाग की गंभीर चूक को दर्शाती हैं और इससे विभाग की छवि धूमिल हुई है।

  • अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

  • तल्लीताल और बेतालघाट थानों में 6 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं।

  • आरोपियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो खंगाले जा रहे हैं।

  • मामले की जांच की जिम्मेदारी एसपी जगदीश चंद्रा को सौंपी गई है।

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रेनकोट गैंग पर भी पुलिस की पैनी नजर

एसएसपी ने साफ कहा कि अगर किसी भी राजनीतिक दल, गिरोह या कुख्यात “रेनकोट गैंग” की संलिप्तता सामने आई तो बख्शा नहीं जाएगा। गिरफ्तार लोगों के अपराध रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं।

प्रशासन में हड़कंप

नैनीताल पंचायत चुनाव हिंसा और अब पुलिस पर हुई कार्रवाई ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में जोरदार हलचल पैदा कर दी है। विभाग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। निष्पक्ष जांच से आने वाले दिनों में और बड़े नामों का खुलासा होने की संभावना भी जताई जा रही है।

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👉 अग्रसर भारत का सवाल:
क्या पंचायत चुनावों में लगातार हो रही हिंसा और छलकते बारूद को थामने में पुलिस और प्रशासन वाकई सक्षम है? जनता जानना चाहती है कि इस बार आरोपी सिर्फ छोटे स्तर तक सीमित रहेंगे या फिर राजनीतिक संरक्षण तक गिरफ्तारी की आंच पहुंचेगी।

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