किसान आंदोलन को लेकर अनके राजनेता प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बयान आया है. हरीश रावत ने कहा एमएसपी पर आश्वासन मिलने के बाद भी किसानों को कानून नहीं मिला. किसान एमएसपी गारंटी को लेकर बेचैन हैं.
किसान आंदोलन 2.0 की आग धीरे- धीरे उत्तराखंड पहुंच गई है. आलम ये है कि किसान आंदोलन के समर्थन में सैकड़ों किसान सड़कों पर उतरकर विरोध- प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान लगतार केंद्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रहे हैं. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी किसान आंदोलन को लेकर प्रतिक्रिया दी है. हरीश रावत ने कहा केंद्र सरकार को किसानों के साथ बैठकर उनकी समस्या का समाधान निकालना चाहिए.
हरीश रावत बोले किसानों की समस्या का समाधान निकाले सरकार:
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पिछली बार किसानों को एमएसपी के बारे में आश्वासन दिया गया था. उन्हें कहा गया था इसे लेकर कानून बनाये जाएंगे. एमएसपी पर अभी तक कोई कानून नहीं बना है. जिसके कारण किसान बेचैन हैं. उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव आ रहें हैं. इसके बाद भी उन्हें कोई गारंटी नहीं दी गई है. उन्होंने कहा दिनों दिन किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है. साथ ही महंगाई भी बढ़ रही है. यही कारण है कि आज किसान परेशान है. जिसके कारण वे विरोध कर रहे हैं. हरीश रावत ने कहा केंद्र सरकार को किसानों के साथ बैठकर उनकी समस्या का समाधान निकालना चाहिए.
किसानों की मांगें
- सरकार एमएसपी खरीद की गारंटी दे. एमएसपी को कानूनी प्रावधानों में शामिल किया जाए.
- स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट पूरी तरह से लागू हो.
- खेती करने के लिए जो भी लागत लगती है, उससे 50 फीसदी अधिक लाभ दिया जाए.
- किसानों के सभी कर्ज माफ हों.
- मनरेगा में कृषि को जोड़ा जाए और 200 दिनों का काम सबको प्रदान किया जाए और इसकी मजदूरी 700 रुपये प्रति दिन हो.
- पिछली बार किसान आंदोलन के दौरान जो भी केस दर्ज किए गए थे, उन सभी मुकदमों को बिना शर्त वापस लिया जाए.
- लखीमपुर खीरी मामले में दोषियों को अभी तक सजा क्यों नहीं दी गई.
- किसानों और मजदूरों को 10 हजार रुपए प्रति महीने पेंशन दी जाए, जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है.
- सरकार इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल रद्द करे.
- किसानों पर प्रदूषण कानून लागू नहीं हो. उनके पराली जलाने पर सरकार कार्रवाई न करे