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आम्रपाली के ड्रीम वैली फेस-2 प्रोजेक्ट में हुए हादसे के जिम्मेदार लोगों ने जर्जर लिफ्ट में चढ़ाकर मजूदरों को मौत के मुंह में धकेल दिया। पुलिस की प्राथमिक जांच में कंस्ट्रक्शन कंपनी और एनबीसीसी के अधिकारियों पर सुरक्षा के मानकों को दरकिनार करने की बात सामने आई है।

लिफ्ट में तकनीकी खामी आने पर पहले भी मजदूरों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की थी। इसके बावजूद न तो लिफ्ट बदलवाई गई और न ही मरम्मत कराई गई। हादसे के बाद भी घायल मजदूर लगभग 30 मिनट तक मौके पर तड़पते रहे।

पुलिस ने मामले में गैर इरादतन हत्या की आईपीसी की धारा-304/308/337/338/287/34 व 7 सीएल एक्ट अंतर्गत केस दर्ज कर लगभग 16 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। ग्रेनो वेस्ट के टेकजोन-4 स्थित आम्रपाली के निर्माणाधीन साइट पर मजदूरों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था। हादसे के कारणों का विभिन्न टीम जांच कर रही हैं।

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पुलिस की प्राथमिक जांच व मजदूरों से पूछताछ में घोर लापरवाही सामने आई है। मजदूरों ने बताया है कि जो लिफ्ट हादसे का शिकार हुई वह काफी पुरानी और जर्जर थी। तकनीकी खामी आने पर वह पहले भी खराब हो चुकी थी। इसमें सवार होने पर हादसे और जान जाने का डर सताता रहता था। इसकी जानकारी परियोजना अधिकारियों को भी दी गई थी। लेकिन श्रमिकों की न तो कंस्ट्रक्शन कंपनी और न ही एनबीसीसी अधिकारी ने सुनीं।

मजदूरों का आरोप है कि अधिकारियों ने सुरक्षा के उपकरणों का भी पर्याप्त बंदोबस्त नहीं किया गया था। हादसे के बाद मजदूर हादसाग्रस्त लिफ्ट में तड़पते रहे। उनका कहना है कि चीख पुकार सुनकर पहुंचे अन्य श्रमिकों की मदद से लगभग आधे घंटे बाद उन्हें निकालकर अस्पताल ले जाया गया। मजदूरों का कहना है कि समय पर उपचार मिलता तो शायद आठ मजदूरों की जान नहीं जाती।

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साइट पर नहीं लगा था जाल, एंबुलेंस भी नदारद

निर्माणाधीन साइट पर ऊंचाई पर काम करने के बावजूद मजदूरों की सुरक्षा के लिए न तो जाल लगाया गया था और न ही प्राथमिक उपचार व एंबुलेंस की कोई व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा बेल्ट और टोपी भी पर्याप्त मात्रा में मजदूरों को नहीं दी जाती थीं। साइट पर एंबुलेंस न होने के कारण घायलों को निजी वाहनों में जिला अस्पताल तक ले जाया गया। इसके चलते उन्हें रास्ते में भी उपचार नहीं मिल सका।

पुलिस को नहीं दी सूचना, पौने दो घंटे बाद अस्पताल से आई कॉल

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पुलिस के मुताबिक हादसे को छुपाने की भी कोशिश की। हादसे के बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने पुलिस को सूचना नहीं दी। हादसा सुबह लगभग 8:24 मिनट पर हुआ। लेकिन हादसे की सूचना 10:12 मिनट पर बिसरख कोतवाली प्रभारी अनिल राजपूत को सीयूजी नंबर पर अस्पताल से मिली। अनिल राजपूत ने इस मामले में आरोपी अधिकारियों पर केस दर्ज कराया है।

वीडियो बनाने में लगे रहे कुछ लोग

लिफ्ट गिरने के कारण हुए हादसे के बाद जहां लोग घायलों को बचाने में लगे थे, वहीं कुछ लोग मार्मिक दृश्य का वीडियो बनाने में लगे थे। हादसा स्थल के कुछ इस तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें घायलों की चीखपुकार सुनाई दे रही है। वहीं लोग घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए उन्हें उठाने का प्रयास कर रहे हैं।

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