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उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों को मर्ज करने के बाद अब उत्तराखंड में भी दसवीं और बारहवीं के स्कूलों को आधुनिक बनाने के नाम पर मर्ज करने की तैयारी की जा रही है. शिक्षा विभाग का कहना है कि स्कूलों को मर्ज या फिर बंद नहीं किया जा रहा है, बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्य को देखते हुए 10वीं और 12वीं के स्कूलों को आधुनिक बनाए जाने को लेकर क्लस्टर सिस्टम बनाने का निर्णय लिया गया है. हालांकि विभाग ने प्रदेश के 1520 से ज्यादा स्कूलों को क्लस्टर सिस्टम के तहत 559 स्कूलों में तब्दील करने का प्लान शिक्षा विभाग ने तैयार किया है.

यूपी सरकार ने सरकारी स्कूलों में बच्चों की घटती संख्या को लेकर बड़ा कदम उठाया है. दरअसल, यूपी सरकार ऐसे पांच हजार प्राथमिक स्कूलों को मर्ज करने जा रही है, जहां पर छात्रों की संख्या काफी कम है. हालांकि इस मामले पर यूपी में जमकर बवाल भी हो रहा है और मामला यूपी हाईकोर्ट तक पहुंच गया है.

1520 स्कूल होंगे क्लस्टर सिस्टम से मर्ज: वहीं अब उत्तराखंड सरकार भी यूपी के रास्ते पर चलते हुए अपने राज्य में भी स्कूलों की मर्ज करने पर विचार कर रही है. हालांकि, उत्तराखंड शिक्षा विभाग इसे क्लस्टर सिस्टम का नाम दिया है. उत्तराखंड में 10वीं और 12वीं के करीब 2295 स्कूल हैं, जिसमें 1520 स्कूलों को चिन्हित किया है, जिन्हें क्लस्टर सिस्टम के तहत मर्ज करते हुए 559 स्कूलों में तब्दील किया जाएगा.

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शिक्षा विभाग का प्लान जानिए: शिक्षा विभाग की मानें तो ये क्लस्टर सिस्टम उन क्षेत्रों में लागू होगा, जहां आसपास के क्षेत्रों में दो या दो से अधिक स्कूल अभी मौजूद है. इसके साथ ही जिस स्कूल में बच्चों की संख्या कम होगी, उस स्कूल के बच्चों को दूसरे स्कूल जिसमें बच्चों की संख्या अधिक होगी उसमें शिफ्ट कर दिया जाएगा.

उत्तराखंड सरकार का दावा: उत्तराखंड सरकार का दावा है कि छात्र-छात्राओं को बेहतर और गुणवत्ता युक्त शिक्षा दिए जाने के लिए ही क्लस्टर योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत स्कूलों में छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाओं के साथ ही स्मार्ट क्लास, वर्चुअल क्लास, टिंकरिंग लैब, कंप्यूटर लैब, तमाम विषयों की प्रयोगशालाएं, आर्ट एंड क्राफ्ट कक्ष, पुस्तकालय, खेल मैदान और शौचालय समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी. फिलहाल इस योजना को धरातल पर उतरने में समय लगेगा.

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941 स्कूलों को किया जाएगा मर्ज: सरकार ने जो प्लान तैयार किया है कि उसके अनुसार 1520 स्कूलों को चिन्हित कर उन्हें 559 स्कूलों में तब्दील किया जाएगा. इस तरह सरकार 941 स्कूलों की मर्ज करेगी. हालांकि शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत और माध्यमिक शिक्षा निदेशक मुकुल कुमार सती इसी बात पर जोर दे रहे हैं कि न तो स्कूलों को बंद किया जा रहा है और न ही मर्ज किया जा रहा है. वैसे दोनों ही इस बात को जरूर कह रहे हैं कि क्लस्टर सिस्टम से स्कूलों में न सिर्फ बेहतर सुविधाएं बच्चों को मिलेगी बल्कि छात्र-छात्राओं को छात्रावास की सुविधा का भी लाभ मिलेगा.

शिक्षा मंत्री का बयान: वही, शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार एक भी स्कूल को मर्ज नहीं कर रही है. अगर किसी स्कूल में एक भी बच्चा पढ़ रहा होगा, तो स्कूल को मर्ज नहीं किया जाएगा. सरकार 559 क्लस्टर स्कूल बना रही है. इसके अलावा 225 पीएमश्री स्कूल भी बनाए जा रहे हैं.

क्लस्टर स्कूल बनाने का उद्देश्य ये है कि इन स्कूल में हॉस्टल बनाया जाएं. बच्चों को रोजाना आने-जाने के लिए 100 रुपए दिए जाएंगे. सरकार बच्चों के लिए बेहतर स्कूल बना रही है, ताकि प्राइवेट स्कूलों में जाने की बजाय बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने आएं.
– धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड –

वहीं, माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक मुकुल कुमार सती का कहना है कि प्रदेश में 2250 इंटरमीडिएट और हाईस्कूल हैं, जिसमें से 1520 स्कूलों को एकत्र करके 559 क्लस्टर स्कूल बनाए जा रहे हैं. ऐसे में बचे हुए स्कूल खुद में क्लस्टर होंगे, क्योंकि उनके आसपास कोई दूसरे स्कूल नहीं है.

उत्तराखंड सरकार का विद्यालयों को बंद करने की कोई योजना नहीं है, बल्कि क्लस्टर के एक विद्यालय को पूरी तरह से सुसज्जित करने की योजना है, जिससे बच्चों को स्कूल में बेहतर शिक्षा के साथ ही बेहतर व्यवस्थाएं मिल पाए, ताकि क्लस्टर स्कूल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित हो पाए.
– मुकुल कुमार सती, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा विभाग