एसएसपी ने बताया कि सतनाम ने अपने साथी दिलबाग बलकार परगट व हरविंदर के साथ मिलकर तरसेम की हत्या की साजिश रची थी। सर्वजीत सिंह और अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू को रुपये मोबाइल हथियार व अन्य साधन उपलब्ध कराए गए। बाइक सवार बदमाशों ने तरसेम सिंह की हत्या को अंजाम दिया था। पुलिस ने एक शूटर को मुठभेड़ में मार दिया था।
उत्तराखंड के नानकमत्ता में डेरा कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मामले में मुख्य साजिशकर्ता 20 हजार के इनामी सुल्तान सिंह व सतनाम ¨सह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया। हालांकि सतनाम को पुलिस ने शुक्रवार को ही पकड़ लिया था, लेकिन अधिकृत रूप से शनिवार को उसकी गिरफ्तारी दिखाई गई है।
वहीं, एक लाख के इनामी शूटर सर्वजीत सिंह की तलाश में पुलिस अब भी दबिश दे रही है। हालांकि हत्याकांड में कई चेहरों की गिरफ्तारी के बावजूद अब भी यह रहस्य बरकरार है कि आखिर तरसेम को मारने के लिए सुपारी किसने दी थी? इससे पुलिस की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है।
बाइक सवारों ने की थी हत्या
एसएसपी डा. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि 28 मार्च को बाइक सवार बदमाशों ने तरसेम सिंह की हत्या कर दी थी। उनकी पहचान सर्वजीत सिंह व अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू के रूप में हुई। पुलिस ने हत्या की साजिश में शामिल दिलबाग सिंह, अमनदीप सिंह उर्फ काला, हरमिंदर, बलकार सिंह को गिरफ्तार किया कर लिया है। साथ ही बाजपुर में शूटरों को राइफल उपलब्ध कराने वाले परगट सिंह, जसपाल सिंह भट्टी उर्फ मिंटू व सुखदेव सिंह उर्फ सोनू की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।
एक शूटर मुठभेड़ हुआ है ढेर
एक शूटर अमरजीत सिंह मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है। फरार चल रहे मुख्य साजिशकर्ता सतनाम सिंह और 20 हजार के इनामी सुल्तान सिंह को भी पकड़ लिया गया है। सतनाम पुलिस से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदल रहा था। उसकी गिरफ्तारी गौरी फंटा (लखीमपुर खीरी) से हुई। जबकि सुल्तान सिंह को पिल्लूखेड़ा, जींद (हरियाणा) से गिरफ्तार किया गया।
एसएसपी ने बताया कि सुल्तान ने तराई क्षेत्र में गुरुद्वारों व सिख समुदाय से जुड़े धार्मिक स्थलों पर वर्चस्व को लेकर चल रही रंजिश के कारण अपने साथियों और कुछ प्रभावशाली लोगों के साथ मिलकर बाबा तरसेम को मारने की योजना बनाई।