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बनभूलपुरा उपद्रव के मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। वह नैनीताल जेल की बैरक नंबर एक में 71 बंदियों के साथ कैद है।

पुलिस मलिक से कई राज उगलवाएगी। उसे रिमांड पर लेने के लिए पुलिस सोमवार को कोर्ट में अर्जी दायर कर सकती है।

नैनीताल के स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने शनिवार को अब्दुल मलिक को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। हल्द्वानी लाकर उससे छह घंटे तक पूछताछ हुई। मलिक ने पुलिस के कई सवालों के जवाब दिए, मगर कुछ सवालों पर चुप्पी साध ली। मलिक की संपत्ति कितनी है? घटना के दिन वह कहां था? क्या उसने उपद्रव के लिए फंडिंग की? लोगों को उसने कैसे भड़काया आदि सवाल के जवाब मिलने अभी बाकी हैं।

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इसलिए पुलिस सोमवार को कोर्ट में मलिक को रिमांड पर लेने के लिए आवेदन कर सकती है। इधर, शनिवार देर रात मलिक को कड़ी सुरक्षा के बीच नैनीताल जेल ले जाया गया। जेल अधीक्षक संजीव ह्यांकी ने बताया कि मलिक को बैरक नंबर एक में रखा गया है। ये जेल की सबसे बड़ी और सबसे मजूबत बैरक है। बैरक में मलिक के साथ 71 और बंदी व कैदी है।

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आठ फरवरी से फरार था मलिक

अब्दुल मलिक आठ फरवरी को उपद्रव होने के बाद से फरार हो गया था। पुलिस ने उसे पकड़ा तो सामने आया कि उसने दिल्ली, गुजरात, मुंबई, चंडीगढ़ व भोपाल में शरण ली थी।

आठ फरवरी को मलिक के बगीचे में सरकारी भूमि पर बने नमाजस्थल व मदरसे को तोड़ने पहुंची नगर निगम, पुलिस व प्रशासनिक टीम पर मुस्लिम समुदाय ने पथराव कर दिया था। इस दौरान आगजनी कर दर्जनों वाहन व थाना भी फूंक दिया गया था। उपद्रव में पांच लोगों की मौत भी हो गई थी।

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सीसीटीवी से निगरानी, सुबह खाया कढ़ी-चावल

शनिवार रात जेल प्रशासन ने मलिक को खाने के लिए पूछा, लेकिन मलिक ने इन्कार कर दिया। सुबह अन्य कैदियों व बंदियों की तरह व्यवहार किया। सोमवार सुबह जेल मेन्यू में कढ़ी-चावल था। अन्य की तरह उसे भी यही परोसा गया। सभी की तरह उसने लाइन में खड़े होकर खाना लिया। वहीं, मलिक की निगरानी के लिए बैरक में पहले से ही सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।