चम्पावत: बीएसएफ के हवलदार दयाल राम भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पेट्रोलिंग के दौरान ड्यूटी करते हुए शहीद हो गए। उनकी शहादत की सूचना मिलते ही परिजनों और पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है।
मिली जानकारी के अनुसार लोहाघाट के मल्ला पाटन निवासी 49 वर्षीय हवलदार दयाल राम 19 जुलाई को गुजरात के भुज में स्थित भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पेट्रोलिंग के दौरान अधिक गर्मी और डिहाइड्रेशन के कारण बेहोश हो गए। साथी जवानों ने उन्हें तुरंत बीएसएफ के कैंप पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। शनिवार को बीएसएफ के अधिकारियों और जवानों ने उन्हें अंतिम सलामी दी। हवलदार दयाल राम के शहीद होने की खबर मिलते ही उनके परिवार में कोहराम छा गया। परिवार को यह दुखद खबर मिलते ही उनकी पत्नी ममता देवी बेहोश हो गईं। गांव और पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है और सभी ग्रामीण उनके घर जाकर परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं।
तीन बच्चों को छोड़ गए शहीद दयाल राम
ग्रामीणों ने कहा कि हमें गर्व है कि शहीद हवलदार दयाल राम ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। शहीद हवलदार दयाल राम अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चों को छोड़ गए हैं। उनका पार्थिव शरीर रविवार शाम तक लोहाघाट पहुंचने की उम्मीद है। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले ही वह छुट्टी से लौटकर ड्यूटी पर गए थे। वह हल्द्वानी में अपने परिवार के लिए मकान बना रहे थे और अपने अच्छे व्यवहार के कारण पूरे पाटन क्षेत्र में लोकप्रिय थे। भगवान इस दुःख की घड़ी में पूरे परिवार को इसे सहने की शक्ति दे।