शंकर का सबसे बड़ा बेटा सागर काम के सिलसिले में दिल्ली में रहता था. उसे जब इस घटना की जानकारी मिली तो वह चंद्रपुर आया था. माता-पिता की मृत्यु के बाद वह दिल्ली वापस लौट आया था. यहां आते ही उसकी भी तबीयत अचानक से खराब हो गई. इलाज के लिए सागर को दिल्ली के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया.
गढ़चिरौली जिले में रोंगटे खड़े करने वाली घटना घटी. यहां पर 20 दिन के अंदर-अंदर एक परिवार के 5 लोगों की मौत हो गई और तीन सदस्य तबीयत बिगड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती हैं. सभी को एक जैसे लक्षण नजर आए थे. उनके शरीर में दर्द रहता था. बोलने में दिक्कत होती थी और होंठ काले पढ़ते जा रहे थे. इस मामले ने पुलिस के भी होश उड़ा दिए थे. पुलिस ने कई टीमें बनाई. झारखंड से लेकर तेलंगाना तक अपने नेटवर्क को एक्टिव किया. फिर दो सच्चाई निकल कर सामने आई वो बहुत ही हैरान करने वाली निकली. दरअसल, जिले के अहेरी तहसील के महागाव में शंकर पीरू कुंभारे परिवार के साथ अपने परिवार के रहते थे. अचानक से शंकर अपने परिवार के चार अन्य सदस्यों के साथ बीमार हो गए. 20 सितंबर को शंकर और उसकी पत्नी विजया कुंभारे की तबीयत अचानक से बिगड़ गई.
पहले शंकर फिर पत्नी की मौत
दोनों को पहले अहेरी के अस्पताल में भर्ती कराया गया. आराम नहीं मिलने पर चंद्रपुर रेफर कर दिया गया. जब यहां से भी दोनों की तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें नागपुर के प्रसिद्ध अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. मगर, 26 सितंबर को शंकर कुंभारे की मौत हो गई. इसके अगले ही दिन यानी 27 सितंबर को पत्नी विजया ने दम तोड़ दिया.
बेटी, बेटा और साली की भी गई जान
माता-पिता की मौत से विवाहित बेटी गहरे सदमे में थी. वह इस दुख से उभर ही पाती कि गडअहेरी में रहने वाली बेटी कोमल दहागांवकर और बेटे रोशन शंकर कुंभारे की तबीयत बिगड़ गई. साथ ही शंकर कुंभारे की साली आनंदा उर्फ वर्षा उराडे की तबीयत खराब हो गई.
तीनों को इलाज के लिए अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया. 8 अक्टबूर को कोमल ने इलाज के दौरान अस्पताल में ही दम तोड़ दिया. 14 अक्टूबर को शंकर कुंभारे की साली आनंदा उर्फ वर्षा उराडे की मौत हो गई. अगले ही दिन शंकर के बेटे रोशन की मौत हो गई.
शंकर का बेटा, जानने वाला और साली का बेटा भी अस्पताल में भर्ती
शंकर का सबसे बड़ा बेटा सागर काम के सिलसिले में दिल्ली में रहता था. उसे जब इस घटना की जानकारी मिली तो वह चंद्रपुर आया था. माता-पिता की मृत्यु के बाद वह दिल्ली वापस लौटा आया था. यहां आते ही उसकी भी तबीयत अचानक से खराब हो गई. इलाज के लिए सागर को दिल्ली के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया. शंकर कुंभारे और विजया कुंभारे को इलाज के लिए अहेरी ले जाने वाले राकेश मडावी की भी शंकर को अस्पताल में एडमिट कराए जाने के दूसरे दिन से तबीयत खराब होने के कारण उसे भी चंद्रपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
इसके अलावा अपने रिश्तेदार अस्पताल मे भर्ती होने के कारण शंकर कुंभारे के साली वर्षा का बेटा चंद्रपुर और नागपुर आया था. उसकी भी तबीयत खराब बिगड़ गई. उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
डॉक्टर ने बताया- सभी को दिया गया है जहर
सभी मौतों और तीन लोगों के अस्पताल में एडमिट होने के बाद डॉक्टरों ने पाया कि सभी को एक जैसे लक्षण थे. जैसे अंगों में दर्द होना, पीठ के निचले हिस्से और सिर में तेज दर्द होना, होंठ काले पड़ना और जुबान का भारी होना. लक्षणों के आधार पर डॉक्टरों ने प्रारंभिक अनुमान लगाया कि मरने वाले और अस्पताल में एडमिट किए गए लोगों को किसी तरह का जहर दिया गया है. मगर, शुरुआत में जहर के बारे में डॉक्टर ज्यादा जानकारी हासिल नहीं कर सके थे. बाद में पता चला कि सभी को आर्सेनिक जहर दिया गया था. जो कि गंधहीन और रंगहीन होता है.
पुलिस की कई टीमें लगी थी जांच में
अब इस मामले में पुलिस की एंट्री हुई. मामला संजीदा देखते हुए पुलिस की कई टीमें तैयार की गईं. पुलिस विभाग ने पूरे इलाके में अपने मुखबिर एक्टिव कर दिए. झारखंड के साथ-साथ महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य के विभिन्न जिलों में हुए अपराध की जांच शुरू की गई, जहां पर इस तरह का कोई केस सामने आया हो.
शंकर की बहू और साले की पत्नी से कुबूला जुर्म
इसी दौरान पुलिस को अपने गुप्तचरों से जरूरी जानकारी मिली. पुलिस ने शंकर कुंभारे की बहू संघमित्रा कुंभारे और साले की पत्नी रोजा रामटेके को हिरासत में लिया. पूछताछ में दोनों ने इन मौतों के पीछे उनका हाथ होने की बात कुबूल की.
पूछे जाने पर सामने आया कि संघमित्रा ने माता-पिता की मर्जी के विरुद्ध जाकर शंकर के छोटे बेटे रोशन से शादी की थी. इसके कारण संघमित्रा के पिता ने सुसाइड कर लिया था. इस वजह से पति रोशन और ससुराल वाले उसे ताना मारते थे, जिसकी वजह से संघमित्रा ने बदला लेने का मन बना लिया था.
वहीं, रोजा ने पुलिस को बताया कि उसके पति की बहन विजया अपनी बहनों के साथ मिलकर मेरे ससुर की जमीन पर कब्जा जताती थीं. इसके कारण मेरा उनसे विवाद होता रहता था. इसी वजह से मैंने उनकी हत्या करने का प्लान बनाया.
खाने और पीने में मिलती थीं जहर
पुलिस के मुताबिक, प्लान के मुताबिक रोजा रामटेके तेलंगाना जाकर जहर लेकर आई. उसे जब भी मौका मिलता वह शंकर के परिवार के खाने में जहर मिला देती. भोजन के साथ-साथ पीने के पानी में भी जहर मिलाया जाता था. जहर धीरे-धीरे शंकर और उसके परिवार के लोगों के शरीर में फैलता गया. वह बीमार हो गए और उनकी अस्पताल में मौत हो गई.
राकेश ने पिया था शंकर की बोतल से पानी, शरीर में फैला जहर
पुलिस ने बताया कि अस्पताल में भर्ती लोगों में शंकर का जानने वाला राकेश मड़ावी भी शामिल है. जब शंकर और उसकी पत्नी बीमार हुए थे तब राकेश दोनों को अस्पताल में कार से छोड़ने गए थे. इस दौरान राकेश ने शंकर की पानी की बोतल से पानी पिया था, जिसमें जहर मिला हुआ था. अगले ही दिन राकेश की भी तबीयत बिगड़ गई थी.
आरोपी महिलाएं की गईं गिरफ्तार: SP
मामले पर गढ़चिरौली एसपी निलोत्पल का कहना है कि शंकर और उसके परिवार और साली को जहर देकर मारा गया है. इस घटना में शामिल शंकर की बहू और साले की पत्नी रोजा को गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों के खिलाफ घटना संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है. कुछ और लोगों के नाम सामने आए हैं. उनकी जांच की जा रही है. आरोपी पाए जाने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा. मामले में पुलिस आगे की जांच कर रही है.