पुलिस के फेसबुक पेज पर नैनीताल को बम ब्लास्ट से उड़ाने की धमकी देने वाला आरोपी खालिद कोई सिरफिरा नहीं बल्कि बेहद शातिर व आईटी का एक्सपर्ट है। फेसबुक में धमकी भरा मैसेज भेजने से पहले आरोपी ने न सिर्फ फर्जी गूगल व फेसबुक पेज बनाया बल्कि पुलिस की पकड़ से बचने को रेलवे स्टेशन के वाईफाई तथा वीपीएन का प्रयोग किया।
पुलिस के फेसबुक पेज पर नैनीताल को बम ब्लास्ट से उड़ाने की धमकी देने वाला आरोपी खालिद कोई सिरफिरा नहीं, बल्कि बेहद शातिर व आईटी का एक्सपर्ट है। फेसबुक में धमकी भरा मैसेज भेजने से पहले आरोपी ने न सिर्फ फर्जी गूगल व फेसबुक पेज बनाया, बल्कि पुलिस की पकड़ से बचने को रेलवे स्टेशन के वाईफाई तथा वीपीएन का प्रयोग किया। आरोपी के विरुद्ध छह अन्य राज्यों में भी केस दर्ज हैं।
आरोपी मुस्लिम बनने के बाद मस्जिदों से चंदा एकत्रित करता था। उसके मोबाइल में जानकारियों को छिपाने वाले कई ऐप भी मिले हैं, जिस कारण एसटीएफ का शक और गहरा रहा है। फिलहाल, आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से उसके कनेक्शनों की जांच की जा रही है।
पुलिस को करनी पड़ी मशक्कत
इसी साल, 17 जुलाई को पुलिस के फेसबुक पेज पर नैनीताल को बम ब्लास्ट से उड़ाने की धमकी भरा मैसेज आया तो पुलिस अधिकारियों में खलबली मच गई। तल्लीताल थाने में केस दर्ज करने के बाद मामला एसटीएफ को हस्तांतरित कर दिया गया। करीब एक माह की कड़ी मशक्कत कर एसटीएफ ने आरोपी खालिद को आंध्र प्रदेश से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की मगर उसने पुलिस को भी खूब छकाया।
बेहद शातिर व आईटी में एक्सपर्ट है आरोपी
गिरफ्तार नितिन शर्मा उर्फ खालिद बेहद शातिर व आईटी का एक्सपर्ट है। एसटीएफ टीम में शामिल एसआई राजेश ध्यानी ने बताया कि 13 जुलाई को आरोपी ने नडियाल जिला स्थित रेलवे स्टेशन के वाईफाई का प्रयोग कर नयी ईमेल आईडी बनाई, जिससे नितिन शर्मा के नाम से नया फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया। मगर अकाउंट बनाने के पांच दिन बाद उक्त स्थल से करीब 500 किमी दूर विजयवाड़ा की एक डोरमेट्री की वाईफाई प्रयोग कर फेसबुक पर मैसेज पोस्ट किया ताकि उसकी लोकेशन और आईपी एड्रेस पता न लग सके।
2015 में घर से निकाला, इसके बाद बदला धर्म
पूछताछ में पता लगा कि दूसरी जाति की युवती से प्रेम प्रसंग होने के कारण 2015 में आरोपी को दिल्ली स्थित उसके घर से निकाल दिया गया था। इसके बाद उसने राजस्थान जाकर धर्म परिवर्तन कर लिया और वह कई प्रदेशों के मुस्लिम संगठनों के संपर्क में रहने लगा।
छह और राज्यों में दर्ज हैं मुकदमे
आरोपी ने बीते वर्ष अक्टूबर में भी 100 नंबर पर फोन कर बम से उड़ाने की धमकी दी थी। आरोपी का लंबा आपराधिक इतिहास है। उसके विरुद्ध छह अन्य राज्यों में विभिन्न मामलों में मुकदमे दर्ज हैं। वह पूर्व में कई बार जेल भी जा चुका है। केरल व तमिलनाडु में उसके विरुद्ध बम ब्लास्ट की धमकी, पांडुचेरी में पाक्सो, उड़ीसा में नर्स से छेड़छाड़, राजस्थान में एक्सीडेंट में एक की जान लेने समेत दिल्ली में भी मुकदमे दर्ज हैं। अब उसके विरुद्ध साइबर आतंकवाद का मुकदमा दर्ज किया गया है। एसआई राजेश ध्यानी ने बताया कि आरोपी के हिजबुल मुजाहिदीन से भी कोई संपर्क है अथवा नहीं इस बिंदु पर जांच की जा रही है। साथ ही आइबी भी मामले में जांच कर रही है।
20 दिन आंध्र प्रदेश में डालना पड़ा डेरा
आरोपी के आईटी में एक्सपर्ट होने के कारण उसकी धरपकड़ एसटीएफ टीम के लिए आसान नहीं थी। करीब एक माह की कड़ी मशक्कत के बाद आरोपी को पकड़ा जा सका। करीब डेढ़ लाख आईपी एड्रेस खंगालने के बाद नदियाल जिले में आरोपी की मौजूदगी मिली, जहां रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद आरोपी की पहचान की जा सकी।
वहां पूछताछ के बाद आरोपी की फोटो और अन्य मस्जिदों में भी उसके जाने की पुष्टि हुई। मगर लगातार बदल रही लोकेशन के कारण उसे पकड़ना मुश्किल होता रहा। 26 अगस्त को भी आरोपी को विजयवाड़ा बस स्टेशन से पकड़ा गया, वह बस से कर्नाटक भागने की फिराक में था।