पांच साल से बंद कैलाश मानसरोवर यात्रा को हरी झंडी मिल गई। अधिकारियों के साथ बैठक में विदेश मंत्रालय ने इस पर मुहर लगा दी है। इस बार यात्रा करीब एक माह देर से जून के अंतिम या जुलाई के प्रथम सप्ताह में शुरू होगी।
रूट प्लान और शुल्क तय नहीं किए गए हैं। इसकी सूचना भी अलग से जारी की जाएगी।
करीब पांच वर्ष पहले 2019 में कैलाश मानसरोवर यात्रा हुई थी। कोरोनाकाल के बाद यात्रा पर रोक लग गई। तब से कैलाश मानसरोवर यात्रा नहीं हुई। उत्तराखंड में कुमाऊं मंडल विकास यात्रा का प्रबंध करता है। इस बार यात्रा को लेकर तैयारियां चल रही हैं। इधर, सोमवार को नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय की ओर से कुमाऊं मंडल विकास निगम के अफसरों की बैठक में यात्रा के लिए मंजूरी मिल गई। बैठक में केएमवीएन के प्रबंध निदेशक विनीत तोमर शामिल हुए।
जून पहले सप्ताह से शुरू होती थी यात्रा
पूर्व में यात्रा जून के पहले सप्ताह में शुरू होकर सितंबर तक चलती थी। इस बार तैयारियों को लेकर इसे जून के अंतिम सप्ताह या जुलाई के प्रथम सप्ताह में शुरू किया जाएगा। पहले यात्रा में 24 दिन लगते थे। अब तवाघाट से आगे मार्ग बनने के कारण यात्रा में 14 दिन लगने की संभावना है। इस बार यात्रा काठगोदाम के बजाय टनकपुर से शुरू होनी है।
बीच-बीच में चल रही वेबसाइट
कैलाश मानसरोवर यात्रा के पंजीकरण के लिए वेबसाइट kmy.gov.in बीच-बीच में चल रही है। बीते बुधवार को कुछ देर के लिए इसे एक्टिव किया गया था। इसके पहले मार्च में भी दो दिन के लिए वेबसाइट संचालित की गई। फिलहाल इस पर जल्द पंजीकरण जारी होने की सूचना दिख रही है।
शुल्क और रूट के लिए बाद में जारी होगी गाइडलाइन
विदेश मंत्रालय ने शुल्क और रूट के लिए गाइडलाइन नहीं जारी की है। वेबसाइट पर अभी पुराना शुल्क ही दर्शा रहा है। पिछली बार यात्रा पर एक श्रद्धालु को करीब 1.80 लाख रुपये खर्च करने पड़ते थे। इस बार शुल्क में बढ़ोतरी की उम्मीद है। पांच साल पहले यात्रा पर 18 दल भेजे गए थे।
विदेश मंत्रालय की बैठक में कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इस बार यात्रा जून के अंतिम सप्ताह या जुलाई के प्रथम सप्ताह से सितंबर के बीच होगी। रूट प्लान और शुल्क के लिए गाइडलाइन बाद में जारी की जाएगी।
विनीत तोमर, प्रबंध निदेशक, केएमवीएन


