- हाई कोर्ट ने विश्व बैंक से वित्त पोषित करीब 28 हजार पालीहाउस की निविदा प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। मामले में राज्य सरकार सहित कृषि व उद्यान विभाग से जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा है। ग्रीन हाउस सहित अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें कहा गया कि सरकार की ओर से जारी निविदा प्रक्रिया में पहले तीन साल का अनुभव व पांच लाख सिक्योरिटी मनी अनिवार्य थी।
हाई कोर्ट ने विश्व बैंक से वित्त पोषित करीब 28 हजार पालीहाउस की निविदा प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। मामले में राज्य सरकार सहित कृषि व उद्यान विभाग से जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा है।
शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में मेसर्स सिद्धार्थ ग्रीन हाउस सहित अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें कहा गया कि सरकार की ओर से जारी निविदा प्रक्रिया में पहले तीन साल का अनुभव व पांच लाख सिक्योरिटी मनी अनिवार्य थी।
अचानक प्रक्रिया में बदलाव कर टर्नओवर सौ करोड़ और सिक्योरिटी पांच करोड़ कर दी गई। नाबार्ड से पालीहाउस के लिए 255 करोड़ मिला है। शुक्रवार को निविदा के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि थी। विभाग ने कंपनियों को इंपैनल किया था। निविदा प्रक्रिया में बदलाव से करीब 35 कंपनियां पैनल से बाहर हो जाएंगी। मामले को सुनने के बाद खंडपीठ ने निविदा प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी।
समाज कल्याण के पूर्व अपर सचिव की अल्पावधि जमानत अवधि बढ़ी
हाई कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में बंद समाज कल्याण विभाग के पूर्व अपर सचिव राम बिलास यादव की शार्ट टर्म जमानत 30 दिन बढ़ा दी है। न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की पीठ ने मेडिकल के आधार पर उसे जमानत प्रदान की है। यादव की ओर से कहा गया कि वह गंभीर रूप से बीमार है और उसका उपचार नहीं हो पाया है। उसने 60 दिन के शार्ट टर्म की बेल की मांग की, जिसे अस्वीकार कर कोर्ट ने 30 दिन की शार्ट टर्म बेल प्रदान कर दी। कोर्ट ने विगत 27 जुलाई को भी 20 दिन की सशर्त शार्ट टर्म बेल प्रदान की थी।