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श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद अब नार्को टेस्ट भी पूरा हो गया. लेकिन इससे पुलिस को कुछ खास हाथ नहीं लगा है. शातिर आफताब ने नार्को टेस्ट में कुछ भी नया नहीं बताया है. वह अबतक पुलिस को जो कुछ बोलता रहा है, वही उसने नार्को टेस्ट में भी कहा. इसका मतलब साफ है, अब पुलिस को केस सुलझाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी, क्योंकि आफताब ने तो उनको कोई नया सुराग नहीं दिया है.

अब नार्को टेस्ट के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि कानून की चौखट से श्रद्धा को इंसाफ कब मिलेगा. यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि नार्को से मिली जानकारी के आधार पर सबूत पुलिस कितने अच्छे से अदालत के सामने रख पाती है.

वैसे अब शुक्रवार को आफताब का ‘पोस्ट नार्को टेस्ट इंटरव्यू’ होगा. ये टेस्ट दिल्ली के तिहाड़ जेल में ही किया जाएगा. पुलिस को उम्मीद है कि इससे कोई नया सुराग मिल सकता है. ये टेस्ट सुबह 10 बजे होगा

‘पोस्ट नार्को टेस्ट इंटरव्यू’ के लिए FSL के 4 अधिकारी और श्रद्धा हत्याकांड की जांच कर रहे इंवेस्टिगेशन ऑफिसर आफताब के पास तिहाड़ जेल में जाएंगे. इसमें आफताब की काउन्सलिंग की जाएगी. वहीं अगर एक्सपर्ट संतुष्ट नहीं हुए तो आफताब का एक बार फिर टेस्ट हो सकता है. बता दें कि आफताब पर हुए हमले के बाद वह अब हाई रिस्क कैदी की श्रेणी में आ चुका है. इसलिए जेल में उसकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

नार्को टेस्ट में क्या बोला आफताब

श्रद्धा मर्डर केस में आफताब का गुरुवार को नार्को टेस्ट हुआ है. दावा है उसने हत्या की बात कबूली है. नार्को टेस्ट के दौरान आफताब से जब पूछा गया कि श्रद्धा का फोन कहां है तो आफताब ने जवाब दिया कि श्रद्धा का फोन उसने कहीं फेंक दिया था. आफताब ने ये कुबूल किया कि उसने गुस्से में आकर श्रद्धा की हत्या की थी. वहीं पुलिस अबतक इसमें साजिश वाला एंगल तलाश रही है.

नार्को टेस्ट में आफताब ने श्रद्धा के शव के टुकड़े करने के लिए आरी के इस्तेमाल की बात को कुबूल की है. आफताब से जब ये सवाल पूछा गया कि क्या कोई और भी इस हत्याकांड में शामिल है तो उसने कहा कि इस हत्याकांड कांड को उसने अकेले ही अंजाम दिया है. आफताब ने नार्को टेस्ट में श्रद्धा के शव के टुकड़ों को जंगल मे ठिकाने लगाने की बात कुबूल की है.

पुलिस के पास अबतक ठोस सबूत नहीं

पुलिस के सामने भले ही आफताब अपने गुनाह कबूल कर रहा है. लेकिन इतना काफी नहीं है. पुलिस के पास अबतक कोई ठोस सबूत नहीं है. दरअसल, नार्को टेस्ट की बात अदालत में सीधे नहीं मान ली जाती. आफताब ने जो बोला है वो बस एक कड़ी है. जिससे पुलिस को अब सबूतों के साथ कनेक्ट करना है

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