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उत्तराखंड परिवहन निगम को 130 नई बसों की सौगात मिली है। नई बसों को विभिन्न डिपो को आवंटित किया जा रहा है। हल्द्वानी डिपो को भी 7 बसें मिल चुकी हैं जिनका संचालन दिल्ली मार्ग पर किया जा रहा है। शीघ्र ही डिपो को कुछ बसें और मिलने की उम्मीद है।

कई पर्वतीय मार्गों पर परिवहन निगम की बसों का अभाव होने के कारण यात्री केमू व टैक्सी में यात्रा करते हैं। सीजन के दौरान इन वाहनों में चालक भी अधिक मुनाफे के चक्कर में वाहन की क्षमता से अधिक सवारियों को भरते हैं जिससे ओवरलोड होने से दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही यात्रियों को अधिक किराया चुकाना पड़ता है।

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नई बसों के दिल्ली मार्ग पर चलने से यहां चल रही पुरानी बसों को मैदान के साथ ही पर्वतीय मार्ग पर भी चलाया जाएगा जिससे पर्वतीय क्षेत्रों के यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। वर्तमान में हल्द्वानी डिपो के पास कुल परिवहन निगम की 68 बसें और अनुबंध की 34 बसें हैं जिसमें 5 वॉल्वो, 1 जनरथ, 12 साधारण, 16 सीएनजी शामिल हैं। काठगोदाम डिपो को भी 2 निगम की 5 सीएनजी बसें मिल चुकी हैं।  इसी तरह भवाली डिपो को 4 बसें मिली हैं जिसमें 2 बसों का संचालन भवाली-नैनीताल से दिल्ली व 2 भवाली-सुरईखेत से दिल्ली मार्ग पर किया जाएगा।

रानीखेत डिपो को 2 बसें मिली हैं जो रानीखेत-गैरसैंण से दिल्ली चलाई जा रही हैं। भवाली डिपो के एआरएम राजेंद्र सिंह ने बताया कि डिपो को 3 बसें और मिलनी हैं। उन्होंने बताया कि  डिपो की 2 सेवाएं स्टाफ की कमी के कारण बंद हैं। बताया कि नई बसें मिलने से दिल्ली चलने वाली पुरानी बसों को इन मार्गों पर चलाया जा सकता है। साथ ही पुरानी बसें भवाली-घोड़ाखाल से नैनीताल, भवाली-नैनीताल से हल्द्वानी और भवाली-मुक्तेश्वर से हल्द्वानी मार्ग पर बसें चलाई जा सकती हैं।

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लंबे समय से बंद पड़ी हैं ये पर्वतीय सेवाएं
हल्द्वानी डिपो से उत्तराखंड परिवहन निगम की लमगड़ा-पौधार, जैंती-भनोली, मौरनौला, खनस्यू सहित कई पर्वतीय रुट पर चलने वाली बसों का संचालन लंबे समय से बंद है हालांकि लंबे समय से बंद पड़े कुछ पर्वतीय रुटों  पर बसों का संचालन फिर से शुरू किया गया है जिसमें मुक्तेश्वर, दूनागिरी, जौरासी, रीठासाहिब और गंगोलीहाट सेवाएं शामिल हैं।

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बसों के साथ ही कार्मिकों का भी अभाव
उत्तराखंड परिवहन निगम में बसों के साथ ही अधिकांश डिपो में कार्मिकों का अभाव है। निगम के अधिकांश डिपो में संविदा, विशेष श्रेणी व आउटसोर्स कार्मिकों के भरोसे काम चलाया जा रहा है। विभिन्न डिपो के अधिकांश नियमित कार्मिक सेवानिवृत्त हो चुके हैं जिससे इनमें कार्मिकों का अभाव है। चालक व परिचालक की कमी होने से भी कई रुटों पर बसों का संचालन बंद किया गया है। निगम के विभिन्न संगठन समय-समय पर संविदा, विशेष श्रेणी कार्मिकों के नियमितीकरण के साथ ही नई नियमित भर्ती करने की मांग करते आ रहे हैं।