देहरादून। सड़कों पर ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के पकड़े जाने पर 10 हजार तक जुर्माना अथवा तीन माह तक लाइसेंस निलंबित हो सकता है। साथ ही तीन माह तक का कारावास भी हो सकता है।
यह व्यवस्था मोटर वाहन नियमावली में है।
अब इसे सख्ती से अनुपालन कराने को परिवहन विभाग ने ध्वनि प्रदूषण की जांच को 47 डेसीबल मीटर का क्रय कर लिया है। इन्हें प्रवर्तन दस्तों को दिया जाएगा। परिवहन मुख्यालय में इन्हें डेसीबल मीटर चलाने का परीक्षण भी दिया गया है। प्रदेश में इस समय ध्वनि प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।
बड़े शहरों में युवा वाहनों में अधिक ध्वनि करने वाले हार्न व साइलेंसर लगा रहे हैं। इनमें किसी में पटाखे, किसी में गोली चलाने तो किसी में तेज गाने की आवाज भी आती है। जब वाहन शोरूम से बाहर आते हैं तो उन्हें लगाए गए हार्न में मानकों के अनुसार ही ध्वनि होती है लेकिन दिखावे के फेर में युवा बाहर से हार्न लगा लेते हैं।
इससे विशेष रूप से बच्चों व वृद्ध व्यक्ति अधिक परेशान होते हैं। नियमावली के अनुसार दोपहिया व तिपहिया वाहनों के लिए 80 डेसीबल व कार के लिए 82 मीटर, चार मीट्रिक टन के वाहनों के लिए 85 डेसीबल और इससे अधिक मीट्रिक टन वाले वाहनों के लिए 91 डेसीबल तक है। अभी तक परिवहन विभाग के पास इनकी ध्वनि मापने के लिए ठोस व्यवस्था नहीं थी।
विभागीय कार्मिक अंदाजे से ही इसका चालान करते थे। अब विभाग वाहनों की ध्वनि की तीव्रता मापने के लिए डेसीबल मीटर का क्रय कर लिया है। इससे वाहनों से निकलने वाली ध्वनि का सही आकलन हो सकेगा। प्रथम चरण में विभाग ने 47 दलों को यह उपकरण उपलब्ध कराए हैं।
सहायक परिवहन आयुक्त शैलेश तिवारी ने कहा कि यह डेसीबल मीटर परिवहन विभाग के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। इससे प्रवर्तन कार्यवाही की दक्षता और पारदर्शिता में सुधार लाया जा सकेगा। द्वितीय चरण में इनकी और वृद्धि की जाएगी।



