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देहरादून: उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीट पर आगामी 19 अप्रैल को मतदान होना है. जिसके मद्देनजर राजनीतिक पार्टियां दमखम से तैयारी में जुटी हुई है. इसी बीच मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से भी घरों में बिना परमिशन लगाए गए तमाम पोस्टर, बैनर्स को हटाने का काम कर रही है. ताकि, शांतिपूर्ण ढंग और निष्पक्ष तरीके से चुनाव को संपन्न कराया जा सके. इसी कड़ी में बीजेपी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी के घरों व वाहनों से झंडा उतारे जाने के मामले पर बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर इसकी शिकायत की.

दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों और उनके कार्यकर्ता बढ़-चढ़कर चुनाव का प्रचार प्रसार करते हैं. इसके लिए बकायदा वो अपने घरों और गाड़ियों में बैनर पोस्टर भी लगते हैं. ताकि, जनता के दिमाग में एक छाप छोड़ सकें. ऐसे में बीजेपी ने निर्वाचन आयोग के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि बीजेपी आदर्श आचार संहिता लगने के बाद आयोग की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कार्यक्रम कर रही है. बावजूद इसके चुनाव आयोग के अधिकारी पार्टी के कार्यकर्ताओं के घरों से नेम प्लेट, झंडे और स्टीकर को जबरदस्ती उतार रहे हैं. साथ ही कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है.

इसी कड़ी में बीजेपी प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम से मुलाकात कर इसकी शिकायत की है. बीजेपी प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात के बाद कहा कि राजनीतिक दल का सदस्य या समर्थक अपने घर पर अपनी नेम प्लेट और झंडा लगा सकता है. बावजूद इसके निर्वाचन आयोग के अधिकारी जबरन घरों से झंडा और नेम प्लेट हटा रहे हैं. साथ ही बीजेपी की एलईडी वैन को भी जगह-जगह पर रोका जा रहा है और चालक को परेशान किया जा रहा है. इसके अलावा ऑटो रिक्शा पर ऑटो संचालकों की सहमति से स्टीकर लगाए गए हैं, जिसे भी चुनाव अधिकारी जबरन हटा रहे हैं.

बीजेपी के अलावा अन्य एक राजनीतिक पार्टी ने भी शिकायत की है. प्रतिनिधियों ने अनुरोध किया है कि आदर्श आचार संहिता के नियमों के अनुरूप कार्रवाई की जाए, लेकिन अगर ज्यादा सख्ती से कार्रवाई की जाती है तो उससे प्रचार-प्रसार की सामग्री जब्त की जाती है. जिससे प्रचार प्रसार करने में दिक्कत होती है. जिसके चलते सभी जिलों के आदर्श आचार संहिता के नोडल अधिकारी को सूचित कर दिया गया है कि आदर्श आचार संहिता के गाइडलाइन का पालन किया जाए. अगर किसी राजनीतिक दल की ओर से कोई शिकायत दी जाती है तो उसका परीक्षण करने के बाद कार्रवाई करें.” –विजय कुमार जोगदंडे, अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तराखंड