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17 सालों तक रोज बूढ़ी आखें दरवाजे से बाहर देखती रहती थीं और आखिरकार सालों का लंबा इंतजार खत्म हो गया। मां और बेटे की 19 साल के बाद मुलाकात के बाद दोनों की आंखों से खूब आंसू छलक पड़े।

यह हैरान करने वाला मामला देहरादून जिले में सामने आया है।

देहरादून से करीब 17 साल पहले अगवा किया गया राजू सोमवार को अपने घर पहुंचा तो परिजन खुशी से खिल उठे। बालक को अपहरण करने वालों ने राजू नाम दिया था। अब इसी नाम से उसकी पहचान हो रही है। परिजनों से मिलने पर बालक ने देहरादून पुलिस का आभार जताया।

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि बीते 25 जून को एक युवक पुलिस कार्यालय स्थित एएचटीयू कार्यालय पहुंचा। बताया कि करीब 16-17 वर्ष पहले जब उसकी आयु नौ वर्ष थी तो घर के पास उठाकर राजस्थान में अनजान जगह पर ले जाया गया।

वहां उससे भेड़-बकरी चराने का काम कराया जा रहा था। वहां से भेड़ लेने गए एक ट्रक ड्राइवर की मदद से पीड़ित निकलकर दून पहुंचा। यहां उसने बताया कि अपहरण के वक्त उसके पिता परचून की दुकान चलाते थे। घर में उसकी मां और चार बहन थी। उसे अपने घर के मोहल्ले की जानकारी नहीं थी।

सोमवार को ब्राह्मणवाला निवासी आशा शर्मा ने पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2008 में उनका बेटा घर से गायब हो गया। उसकी काफी तलाश की गई थी। उसका नाम मोनू था। महिला को युवक से मिलाया तो उसने अपनी मां के रूप में पहचान की।

मां-बेटा आपस में मिले तो काफी देर तक एक दूसरे के कलेजे से चिपके रहे। बेटा मिला तो मां ने भी पुलिस का आभार जताया। अपहरण करने वालों ने मोनू के एक हाथ राजू नाम गुदवा दिया था। अब राजू नाम से वह पहचाना जा रहा है।

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