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22 जनवरी प्राण-प्रतिष्ठा के दिन उत्तराखंड में 262 बच्चों ने जन्म लिया है. इनमें सबसे ज्यादा देहरादून में 71 और उधम सिंह नगर में 55 डिलीवरी हुई. बागेश्वर में 6, चमोली में 14, चंपावत में 4, देहरादून में 71, हरिद्वार में 24, नैनीताल में 24, पौड़ी में 17, रुद्रप्रयाग में 13, टिहरी में 16 और उत्तरकाशी में 9 नवजातों ने जन्म लिया.

देश में प्राण प्रतिष्ठा का दिन अत्यंत सौभाग्यपूर्ण रहा. पूरे विश्व में लोगों ने इस उत्सव को अलग-अलग तरह से मनाया. किसी ने पैदल यात्रा की. किसी ने नया व्यापार शुरू किया. यही नहीं, डिलीवरी की प्रतीक्षा कर रहे परिवारों ने बच्चों के जन्म को लेकर अपने डॉक्टरों से 22 जनवरी का डेट फिक्स करवाई. परिजनों में रामलला के अयोध्या आगमन के साथ-साथ अपनी जिंदगी में नन्हे सदस्य का स्वागत करने की होड़ लगी थी.

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स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 22 जनवरी प्राण-प्रतिष्ठा के दिन उत्तराखंड में 262 बच्चों ने जन्म लिया है. इनमें सबसे ज्यादा देहरादून में 71 और उधम सिंह नगर में 55 डिलीवरी हुई. बागेश्वर में 6, चमोली में 14, चंपावत में 4, देहरादून में 71, हरिद्वार में 24, नैनीताल में 24, पौड़ी में 17, रुद्रप्रयाग में 13, टिहरी में 16 और उत्तरकाशी में 9 नवजातों ने जन्म लिया.

प्राण प्रतिष्ठा के दिन बच्चों के जन्म पर परिजनों में खुशी

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देहरादून में प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर जन्मे बच्चों के परिजनों के बीच बड़ा उत्साह देखा गया. लेबर रूम और वार्ड में प्राण प्रतिष्ठा के दिन बच्चों के जन्म पर खुशी जाहिर की गई और कई माता-पिता ने अपने बच्चों के नामों का चयन किया. देहरादून की रहने वाली नीतू ने बताया कि वह अपने बच्चे का नाम राघव रखेगी. चकराता की रहने वाली राधिका के पति ने बताया कि उनकी पत्नी की डिलीवरी रात 1 बजे हुई.

बेटी का अभी नाम नहीं सोचा

उन्होंने बच्चों के नाम का चयन राम करने का निर्णय लिया है. प्राण प्रतिष्ठा के दिन राजधानी देहरादून में परिजनों के बीच एक विशेष माहौल बना और इसे सौभाग्यपूर्ण माना गया. वहीं, उत्तर प्रदेश के बलरामपुर की रहने वाली गीता देवी ने बताया की दून अस्पताल में उनकी बेटी हुई है. हालांकि, अभी नाम नहीं सोचा है.

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मामले में स्वास्थ्य विभाग ने कही ये बात

उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि परिवारों में काफी उत्साह देखने को मिला. स्वास्थ्य विभाग और कर्मचारियों के लिए भी हर्ष की बात है कि इस पावन दिन सभी महिलाओं ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया. दून अस्पताल के सीपीआरओ महिंद्रा भंडारी ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर जन्मे बच्चों को लेकर परिजनों में बेहद उत्साह नजर आया है.