सोमवार को पंतनगर एयरपोर्ट के सरकारी आवास में एटीसी इंचार्ज आशीष चैसाली का शव संदिग्ध परिस्थितियों में महिला के गेटअप में पंखे से लटका मिला था। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव मार्चरी में रखवा दिया था।
मंगलवार को उनका भांजा आकाश और फुफेरा भाई रवि शव लेकर पिथौरागढ़ पहुंचे, जहां गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इधर मंगलवार को एयरपोर्ट में सभी कर्मियों ने दो मिनट का मौन रखकर आशीष को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सूत्रों के अनुसार आशीष का व्यवहार बिल्कुल सामान्य रहता था। एयरपोर्ट परिसर के सरकारी आवास में आशीष के साथ उनका भांजा आकाश भी रहता था। पहले आकाश और आशीष एक ही कमरे में साथ सोते थे। आवास का केवल मुख्य द्वार ही बंद करते थे और कमरों के दरवाजे खुले रहते थे। लगभग छह माह पहले आशीष के व्यवहार में बदलाव आने लगा और उन्होंने आकाश को अलग कमरे में सोने की हिदायत दी।
पहले तो आशीष अपना कमरा खुला रखते थे, फिर उन्होंने अंदर से बंद करना शुरू कर दिया। आकाश के इस बदलाव का कारण पूछने पर आशीष ने हंस कर टाल दिया था। सोमवार को भी उनका कमरा अंदर से बंद था, जिसे तोड़कर उनके शव को बाहर निकाला गया। सभी को यह जानने की उत्सुकता है कि आखिर फंदे पर झूलने से पहले उनके मन में क्या चल रहा था और उन्होंने महिला के गेटअप में ऐसा आत्मघाती कदम क्यों उठाया।
आम का स्वाद भी नहीं ले पाए आशीष
रविवार की शाम आशीष की पड़ोसी सहकर्मियों से परिसर में लगे पेड़ों से सोमवार सुबह आम तोड़ने की बात तय हुई थी। जिसके तहत सभी सहकर्मी सोमवार सुबह आशीष के आवास में पहुंचे और आशीष के कमरे का दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर उनके भांजे आकाश को आम तोड़ने साथ ले गए। सभी लोग आम तोड़कर वापस आए और आशीष के हिस्से के आम आकाश को सौंपकर चले गए। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था िकवह उन आमों का स्वाद भी नहीं ले पाए।