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संसद की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही के मामले में आरोपी ललित झा ने दिल्ली के एक थाने में सरेंडर कर दिया है. इस घटना में पुलिस चार आरोपियों को पहले ही अरेस्ट कर चुकी है.

संसद की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही के मामले में छठवें आरोपी ललित झा ने दिल्ली के एक थाने में सरेंडर कर दिया है. आरोपी ललित झा महेश नाम के शख्स के साथ खुद कर्तव्य पथ थाने पहुंचा और सरेंडर कर दिया. पुलिस ने दोनों को स्पेशल सेल को सौंप दिया है. बताया जा रहा है कि ललित दिल्ली से राजस्थान के नागौर भागा था. वह बस पकड़कर राजस्थान गया था. वहां पहुंचने के बाद उसने होटल में रात बिताई थी. फिर वह महेश नाम के शख्स के ठिकाने पर पहुंचा था. महेश को भी 13 दिसंबर को दिल्ली संसद भवन आना था. महेश को इस साजिश की पूरी जानकारी थी. महेश के साथ ही ललित दिल्ली आया और सरेंडर कर दिया. महेश को भी दिल्ली पुलिस तलाश रही थी.

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इस घटना में पुलिस पांच आरोपियों को पहले ही अरेस्ट कर चुकी है. जानकारी के मुताबिक संसद तक 5 आरोपी आए थे. इसमें सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल शिंदे के साथ ललित झा भी था. लेकिन जैसे ही हंगामा हुआ, ललित मौके से फरार हो गया था. ललित के पास ही इन चारों के मोबाइल फोन भी थे.

बता दें कि जब दो आरोपी सागर और मनोरंजन डी संसद में कार्यवाही के दौरान अंदर घुसे थे और दो आरोपी नीलम और अमोल शिंदे बाहर प्रदर्शन कर रहे थे, तब ललित भी संसद के बाहर ही मौजूद था. उसने आरोपी नीलम और अमोल द्वारा संसद के बाहर किए गए प्रदर्शन और नारेबाजी का वीडियो भी बनाया था. उसके पास सभी आरोपियों के फोन थे. ललित ने इस वीडियो को अपने NGO पार्टनर को व्हाट्सऐप भी किया था. इसके बाद वह फरार हो गया.

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ललित के दोस्त ने खोले थे बड़े राज

आजतक ने ललित के करीबी सहयोगी और एनजीओ पार्टनर नीलाक्ष आइच से संपर्क किया तो जानकारी मिली कि वह पश्चिम बंगाल का छात्र है, जो सामाजिक सक्रियता में भी शामिल हैं. ललित कथित तौर पर नीलाक्ष द्वारा स्थापित एक एनजीओ का महासचिव था, जिसका नाम साम्यवादी सुभाष सभा है. नीलाक्ष ने बताया कि ललित ने उनसे आखिरी बार संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के ठीक बाद संपर्क किया था. ललित ने दोपहर करीब 1 बजे संसद के बाहर हुए प्रदर्शन का वीडियो भी भेजा था. ललित ने वीडियो भेजकर लिखा था, ”मीडिया कवरेज देखिए. इस वीडियो को सेफ रखना. जय हिंद.”

ललित ने वीडियो सोशल मीडिया पर किया था अपलोड

लोकसभा चैम्बर में कूदने वालों में सागर शर्मा और मनोरंजन डी. शामिल थे. शून्यकाल के दौरान ये लोग कूदे थे. इन्होंने कनिस्तर से पीले रंग का धुआं छोड़कर नारेबाजी की. जिस समय सागर और मनोरंजन लोकसभा के अंदर हंगामा कर रहे थे. उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम देवी ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाकर वही पीले रंग का धुआं छोड़ा. जब नीलम और अमोल धुआं छोड़ रहे थे, तब ललित उनका वीडियो बना रहा था. ललित ने इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर भी अपलोड कर दिया.

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ये आरोपी हो चुके हैं अरेस्ट

शुरुआती जांच में पता चला है कि सभी आरोपी एक-दूसरे को जानते थे. सभी सोशल मीडिया के जरिए एक दूसरे के संपर्क में आए थे और घटना की योजना बनाई थी. पुलिस ने सागर, मनोरंजन, अमोल और नीलम को मौके से ही अरेस्ट किया था. जबकि एक अन्य आरोपी विशाल को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था. विशाल के घर पर ही सभी आरोपी संसद पहुंचने से पहले रुके थे. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा उल्लंघन को लेकर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया है.

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