सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और कार्मिकों के लिए बायोमैट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी गई। इसी हाजिरी के आधार पर वेतन जारी किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शुक्रवार को इसके निर्देश दिए।
साथ ही टिहरी में दो गर्भवती महिलाओं की मौत के मामले में महानिदेशक-स्वास्थ्य को लापरवाह डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश भी दिए हैं। डॉ. रावत ने कहा कि मरीजों के उपचार और स्वास्थ्य देखभाल में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
डॉ. रावत ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौंड मामले को बेहद गंभीरता से लिया गया गया है। गर्भवती महिलाओं को समय पर उपचार न मिलना ड्यूटी पर तैनात डाक्टरों की घोर लापरवाही है। जिम्मेदार डॉक्टरों के अनधिकृत रूप से गैरहाजिर रहने की वजह से गर्भवती महिला को चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पाई।
हायर सेंटर रेफर करने पर रास्ते में उसकी दुखद मौत हो गई। इस मामले में अस्पताल के नियमित और बॉन्डधारी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं। डॉ.रावत ने बताया कि राज्य के प्रत्येक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर, नर्सिंग अधिकारी, फार्मासिस्ट, मेडिकल स्टॉफ समेत सभी कार्मिकों के लिए बायोमैट्रिक हाजिरी अनिवार्य की जा रही है। इसी के आधार पर कार्मिकों का वेतन जारी किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग जनता का विभाग है। अस्पतालों में मरीजों के उपचार और उनके स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बायोमैट्रिक हाजिरी का सिस्टम तैयार किया जा रहा है।
डॉ. धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्र