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अब डिप्लोमाधारी ही वैटिनिरी फार्मासिस्ट बन सकेंगे। इनकी भर्ती भी अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) से होगी। इसके लिए उ.प्र. पशुपालन वेटिनरी विभाग फार्मासिस्ट सेवा नियमावली को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

इस फैसले के बाद कई साल से रुके फार्मासिस्टों की भर्ती और प्रमोशन की अड़चन भी दूर हो गई है।

पशुपालन विभाग में शुरुआत में कंपाउंडर के पद पर भर्तियां होती थीं। इस पद के लिए शैक्षक अर्हता इंटर थी। इनका पद नाम बदलकर फार्मासिस्ट कर दिया गया था, लेकिन फार्मासिस्ट की शैक्षिक अर्हता सहित कई विवादों के कारण प्रमोशन और भर्तियां रुकी हुई थीं। विभाग में भर्तियां न होने के कारण फार्मासिस्ट संवर्ग के 2022 पदों में महज 737 पद ही भरे हैं।

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अब नियमावली को मंजूरी मिलने के बाद नई भर्तियां और प्रमोशन हो सकेंगे। यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वैटिनरी फार्मासिस्ट के लिए कम से कम दो साल तीन माह का फार्मासिस्ट का डिप्लोमा होना जरूरी है। फार्मासिस्टों का प्रमोशन भी चीफ वैटिनरी फार्मासिस्ट और प्रभारी अधिकारी फार्मेसी के पद पर हो सकेगा।

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BSA संवर्ग में प्रमोशन का रास्ता साफ

माध्यमिक शिक्षा विभाग में BSA संवर्ग में प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा नियमावली में संशोधन को हरी झंडी मिल गई है। नियमावली में पुरुष, महिला प्रिंसिपल/वाइस प्रिंसिपल और BEO का कोटा नए सिरे से तय कर दिया गया है। राजकीय हाईस्कूल के प्रिंसिपल और इंटर कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल के साथ BEO का प्रमोशन BSA संवर्ग में किया जाता है। नियमावली के अनुसार महिला और पुरुष प्रिंसिपल/वाइस प्रिंसिपल का कोटा 33-33% होगा।

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BEO का कोटा 34% होगा। इससे पहले प्रदेश से उत्तराखंड अलग होने से पहले कोटा तय किया गया था। तब BEO का कोटा 17% था। उत्तराखंड अलग बन जाने के बाद प्रिंसिपल/वाइस प्रिंसिपल की संख्या कम हो गई। तब से BEO की मांग थी कि शिक्षकों का कोटा कम करके उनका बढ़ाया जाए। इसी वजह से प्रमोशन में अड़चन आ रही थी।