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हरदोई। जिले की सामाजिक संस्था प्रहलाद नगरी जन कल्याण समिति ने सिटी मजिस्ट्रेट के पक्ष में मुख्यमंत्री से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। प्रहलाद नगरी के अध्यक्ष शिवम द्विवेदी ने नगर मजिस्ट्रेट का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

बताते चलें कि बीते शनिवार को आचार संहिता लागू होने के बाद निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नगर मजिस्ट्रेट सुनील त्रिवेदी नगरपालिका की टीम के साथ राजनैतिक दलों के नेताओं के होर्डिंग्स बैनर बोर्ड आदि हटवाने का कार्य करा रहे थे। इसी बीच लखनऊ रोड पर लगे भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष विद्याराम वर्मा के आवास के सामने रोड किनारे लगे बोर्ड को भी उखड़वा दिया। जिस पर भाजपा नेता ने नगर मजिस्ट्रेट को ऐसा करने के लिए मना किया। जिस पर नगर मजिस्ट्रेट ने कहा यह आचार संहिता का उल्लघंन है। जिस पर भाजपा नेता बिफर कर बोले तुम्हारे जैसे अधिकारी यहां नहीं आते। जिस पर नगर मजिस्ट्रेट ने कहा यह आचार संहिता का उल्लघंन है। इसमें एफआईआर दर्ज हो सकती है‌। एफआईआर का नाम सुनते ही भाजपा नेता आग बबूला हो गये तुम एफआईआर लिखवा देना। इतनी बातचीत के बाद नगर मजिस्ट्रेट का काफिला आगे बढ़ गया। अगले दिन भाजपा नेता की पत्नी की तबियत बिगड जाती है उनकी ह्रदयाघात से मौत हो जाती है। भाजपा नेता ने पत्नी की मौत को इस घटना से जोड़कर कहा कि नगर मजिस्ट्रेट की कार्यवाही और व्यवहार के कारण मेरी पत्नी को आघात पहुंचा है। इसी की वजह से उनकी मौत हो गयी। उनके ऐसा बोलने के बाद सभी राजनैतिक दलों के नेता एक राय होकर नगर मजिस्ट्रेट के विरुद्ध मोर्चा बंदी करते दिखाई दिए। भाजपा नेताओं द्वारा घटना पर चुप्पी से सपा को मौका मिल गया। सपा नेता व पूर्व सांसद ऊषा वर्मा ने भाजपा नेता के आवास पर पहुंच कर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया वहीं भाजपा प्रत्याशी जयप्रकाश रावत समेत पूर्व सांसद अंशुल वर्मा समेत सैकड़ों भाजपा नेताओं ने लखनऊ रोड जाम कर प्रदर्शन कर नगर मजिस्ट्रेट के खिलाफ कार्यवाही की मांग की जिस पर अपर जिलाधिकारी प्रियंका सिंह ने जांच कर कार्यवाही का आश्वासन देकर जैसे तैसे जाम को खुलवाया।भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष विद्याराम वर्मा पिछड़ी जाति से आते हैं। ऐसे में पिछड़े वोटों पर डोरे डालने के लिए सभी दलों के नेताओं का प्रयास है। नगर मजिस्ट्रेट सवर्ण जाति से ब्राह्मण है ऐसे में ब्राह्मण अधिकारी के खिलाफ आवाज बुलंद करने से पिछड़ी जाति के वोटरों में ध्रुवीकरण होने की सम्भावना के चलते नगर मजिस्ट्रेट पर हमले तेज कर दिये है। इस घटनाक्रम पर प्रहलाद नगरी के अध्यक्ष शिवम द्विवेदी ने संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा है कि अपने कर्तव्य पालन के समय अधिकारी ने ऐसा कोई कार्य नहीं किया। जिससे किसी की मृत्यु सम्भाव्य हो ऐसे में न्याय हित में सम्बंधित प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच के बाद ही कार्यवाही की जाये।