उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आज, 18 अक्टूबर 2024 को, विशेषज्ञ समिति ने यूसीसी नियमावली का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा। सीएम धामी ने कहा कि इस कानून का उद्देश्य सभी नागरिकों को समान न्याय और अवसर प्रदान करना है।
यूसीसी का ड्राफ्ट
यूसीसी नियमावली में मुख्य रूप से चार महत्वपूर्ण भाग शामिल हैं
1. विवाह और विवाह-विच्छेद: सभी धर्मों के लिए विवाह और तलाक के लिए समान कानून।
2. लिव-इन रिलेशनशिप: लिव-इन में रहने वाले व्यक्तियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा।
3. पंजीकरण की प्रक्रिया: जन्म और मृत्यु पंजीकरण, उत्तराधिकार संबंधी नियमों का पंजीकरण।
4. ऑनलाइन सेवाएं: जन सामान्य के लिए एक पोर्टल और मोबाइल एप विकसित किया गया है, जिसमें पंजीकरण और अपील की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
लागू होने की तिथि
मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि यूसीसी नौ नवंबर, 2024 को, उत्तराखंड स्थापना दिवस पर लागू करने की योजना है। इस दिन के लिए पूरी तैयारी की जा रही है।
यूसीसी के प्रमुख बदलाव
– समान अधिकार: विवाह, तलाक, और विरासत में बेटा और बेटी को बराबर अधिकार।
– पंजीकरण अनिवार्य: विवाह और तलाक का पंजीकरण न कराने पर 25,000 रुपये का जुर्माना।
– महिलाओं के अधिकार: तलाक के लिए समान आधार और महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार।
– लिव-इन रिश्तों का संरक्षण: संबंध विच्छेद का पंजीकरण अनिवार्य होगा।
यूसीसी की यात्रा
12 फरवरी 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम धामी ने यूसीसी की घोषणा की थी। इसके बाद, मई 2022 में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया, जिसने व्यापक समीक्षा प्रक्रिया के बाद 20 लाख सुझाव प्राप्त किए। 6 फरवरी 2024 को यूसीसी विधेयक विधानसभा में पेश किया गया और 7 फरवरी को पारित हुआ।
इस तरह, यूसीसी का उद्देश्य समाज में समानता, न्याय और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करना है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उत्तराखंड में सामाजिक सुधार और कानून में पारदर्शिता लाने की दिशा में अग्रसर है।