आधुनिकीकरण के दौर में हल्द्वानी उप कारागार भी आगे बढ़ रहा है। बंदियों व कैदियों के लिए उप कारागार में आधुनिक वीडियो कांफ्रेंस रूम बनाया जाएगा। जिसके निर्माण के लिए जेल मुख्यालय ने 26.66 लाख की स्वीकृति दे दी है। इसी कमरे में बैठकर बंदी कोर्ट से वर्चुअल माध्यम से जुड़ेंगे। जल्द जेल की दूसरी मंजिल पर भवन का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
आधुनिकीकरण के दौर में हल्द्वानी उप कारागार भी आगे बढ़ रहा है। बंदियों व कैदियों के लिए उप कारागार में आधुनिक वीडियो कांफ्रेंस रूम बनाया जाएगा। जिसके निर्माण के लिए जेल मुख्यालय ने 26.66 लाख की स्वीकृति दे दी है। इसी कमरे में बैठकर बंदी कोर्ट से वर्चुअल माध्यम से जुड़ेंगे।
जेल प्रशासन के अनुसार किसी भी अपराध में पकड़े जाने पर अभियुक्त को अदालत के आदेश पर 14 दिन की रिमांड पर न्यायिक अभिरक्षा यानी जेल भेजा जाता है। यह अवधि पूरी होने पर रिमांड बढ़ाने के लिए अभियुक्त को कोर्ट में पेश किया जाता है। रिमांड अवधि बढ़ने पर उसे पुन: न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया जाता है।
यह प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक कि जांच अधिकारी की ओर से उस मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं की जाती। चार्जशीट दाखिल होने पर संबंधित मुकदमे का ट्रायल शुरू हो जाता है। वहीं, चार्जशीट दाखिल होने से पूर्व रिमांड बढ़ाने के लिए हर 14 दिन में बंदी को कोर्ट में पेश किया जाता है।
इसके लिए काफी पुलिस बल की जरूरत पड़ती है, ताकि अभियुक्त फरार न हो जाए। वर्ष 2015 से हल्द्वानी उप कारागार में वीडियो कांफ्रेंसिंग शुरू हुई थी। मगर छोटा कमरा होने पर बंदियों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। अब नए भवन के लिए मुख्यालय ने 26.66 लाख की स्वीकृति दे दी है। जल्द जेल की दूसरी मंजिल पर भवन का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
हर दिन 100 बंदी होते हैं पेश
जेल अधीक्षक प्रमोद पांडे ने बताया कि उप कारागार में बंदियों व कैदियों की क्षमता 600 है। मौजूदा समय में यहां 1600 बंदी व कैदी हैं। हर दिन 100 रिमांड वाले बंदी कोर्ट के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश होते हैं।
जेल कर्मचारियों को भी मिलेगा लाभ
कई बार देहरादून में बैठे अधिकारी वर्चुअल बैठक करते हैं। बैठक में जुड़ने के लिए जेल अधिकारी व कर्मचारी मोबाइल का प्रयोग करते हैं। वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम बनने से जेल कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा।
-वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम बनाने के लिए बजट स्वीकृत हो चुका है। जेल की दूसरी मंजिल पर निर्माण कार्य कुछ दिन में आरंभ कर दिया जाएगा। प्रमोद कुमार पांडेय, जेल अधीक्षक