14 फरवरी, 2019 को जब दुनिया प्रेम का त्योहार वैलेंटाइंस डे मनाने की तैयारी में था, तब एक अप्रिय घटना ने देशवासियों का सीना छलनी कर दिया. इसी दिन, जम्मू-श्रीनगर हाईवे से गुजर रहे CRPF जवानों का एक काफिला आतंकी हमले का शिकार हुए जिसमें 40 बहादुर जवान शहीद हो गए. आतंकियों ने जवानों के काफिले पर छिपकर घात लगाई और 300 किलो विस्फोटक से लदी CRPF की गाड़ी को टक्कर मारकर पूरे काफिले को उड़ा दिया.
फौरन घायल जवानों को नजदीक के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया मगर बड़ी संख्या में जवान मौके पर ही दम तोड़ चुके थे. कुछ की इलाज के दौरान मौत हो गई. कुल 40 जवान इस कायराना हमले में शहीद हो गए.
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इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली. घटना को अंजाम देने वाले हमलावर का नाम आदिल अहमद डार था. यह जैश-ए-मोहम्मद का भारत पर सीधा वार था. 40 जवानों की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया.
हमले में सज्जाद भट्ट, मुदसिर अहमद खान आदि जैसे आतंकियों के भी हाथ थे, जिन्हें बाद में सेना ने मौत के घाट उतार दिया. मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने की, जिसने साढ़े 13 हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की.
पूरे देश में इस घटना के बाद पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा भड़क उठा. जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए भारत सरकार से अपील की जाने लगीं. CRPF ने इस हमले पर बयान जारी करते हुए लिखा था- ‘न भूलेंगे न माफ करेंगे’
भारतीय सेना ने जैसा कहा, वैसा कर के दिखाया. इस घटना का बदला लेते हुए भारतीय वायुसेना ने महज़ 12 दिन बाद 26 फरवरी को, पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अड्डे पर एयर स्ट्राइक कर दी. भारतीय फाइटर जेट्स ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों के ठिकाने पर हजार किलो बम बरसाए और पूरे इलाके को खाक कर दिया.