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अल्मोड़ा जिले में रानीखेत के पास चौखुटिया के हाटझलां गांव के पानी के गधेरे (बरसाती नाले) में गांव वालों ने एक शिवलिंग देखा। वे शिवलिंग को गांव में ले आए और इसकी खबर पुरातत्व विभाग अल्मोड़ा को दी।

विभाग के अधिकारियों ने वहां पहुंचकर इसे अपने संरक्षण में ले लिया है। विभाग के मुताबिक यह यहां कैसे पहुंचा, यह बता पाना मुश्किल है। फिलहाल इसे अल्मोड़ा संग्रहालय में लाया गया है। इस दुर्लभ शिवलिंग के मिलने से पुरातत्व विभाग और संस्कृति विभाग में खासी चर्चा है। पुरातत्व विभाग के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शिवलिंग खंडित अवस्था में मिला है। विभाग इसके बारे में और जानकारी जुटा रहा है। विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है, वहां पूर्व में विशाल शिव मंदिर रहा होगा इस बारे में अभी और खोज की जा रही है।

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उल्लेखनीय है कि ये क्षेत्र कभी कत्यूरी और चंद राजाओं के शासन का केंद्र रहा था और यहां सांस्कृतिक नगरी ऐतिहासिक स्मारकों और मूर्तियों का भंडार है। इसके अलावा, जागेश्वर धाम, कटारमल सहित द्वाराहाट आदि स्थानों पर प्राचीन मंदिर सदियों से आस्था का केंद्र रहे हैं। इन मंदिरों में आज भी सैकड़ों की संख्या में देवी-देवताओं की नक्काशीदार अद्भुत दुर्लभ मूर्तियां लोगों को आकर्षित करतीं हैं। अल्मोड़ा के प्रभारी क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. चंद्र सिंह चौहान का कहना है कि चौखुटिया में दुर्लभ एकमुखी शिवलिंग मिला है जो करीब एक हजार साल पुराना है। इसे जिला संग्रहालय में स्थापित किया जाएगा।