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एल्विश यादव पर रेव पार्टी करने, उनमें सांपों के साथ तस्वीरें खिंचवाने और सापों के जहर का नशे के लिए इस्तेमाल करने का संगीन और चौंकाने वाला इल्जाम है और फिलहाल नोएडा पुलिस एल्विश पर लगे इन्हीं इल्जामों के इर्द-गिर्द मामले की तफ्तीश कर रही है.

एक तरफ आधी रात नामी यू-ट्यूबर एल्विश यादव (YouTuber Elvish Yadav) की खामोशी से नोएडा पुलिस के सामने हाजिरी हुई और दूसरी तरफ अलग-अलग डिब्बों में बंद एक से बढ़ कर एक जहरीले सांपों को जंगल में ले जाकर आजाद कर दिया गया. नोएडा से आई इन दो ख़बरों का एक दूसरे से एक बड़ा ही अजीब, मगर दिलचस्प रिश्ता है. एल्विश यादव को जिस इल्जाम में इस वक्त नोएडा पुलिस के सामने हाजिरी लगानी पड़ रही है, उस इल्जाम की जड़ में ये बेजुबान सांप ही हैं.

एल्विश पर संगीन इल्जाम

एल्विश पर रेव पार्टी करने, उनमें सांपों के साथ तस्वीरें खिंचवाने और सापों के जहर का नशे के लिए इस्तेमाल करने का संगीन और चौंकानेवाला का इल्जाम है और फिलहाल नोएडा पुलिस एल्विश पर लगे इन्हीं इल्जामों के इर्द-गिर्द मामले की तफ्तीश कर रही है.

PFA ने की थी शिकायत

बिग बॉस ओटीटी के विजेता रहे एल्विश के खिलाफ इस सिलसिले में नोएडा के सेक्टर 20 थाने में 3 नवंबर को तब एक एफआईआर दर्ज की गई थी, जब जानवरों की भलाई के लिए काम करनेवाली एक गैर सरकारी संस्था पीपल फॉर एनिमल यानी पीएफए ने बाकायदा एक लिखित शिकायत दी थी. इस कंप्लेंट में पीएफए ने ये बताया था कि किस तरह एल्विश के इशारे पर नोएडा समेत दिल्ली एनसीआर में कई जगहों पर रेव पार्टीज में सांपों का इस्तेमाल हो रहा है.

पुलिस को सौंपे गए ऑडियो और वीडियो क्लिप्स

इसी दौरान पीएफए ने अलग-अलग दुर्लभ प्रजाति के नौ सांप और उनके 20 मिली लीटर जहर के साथ पांच सपेरों को गिरफ्तार भी करवाया था. और सबूत के तौर पर पुलिस को कुछ ऐसे ऑडियो और वीडियो क्लिप्स सौंपे थे, जिसमें एक सपेरा एल्विश के लिए रेव पार्टीज़ में सांप लेकर जाने की बात कबूल कर रहा था. हालांकि एल्विश ने अगले ही दिन एक वीडियो जारी कर इन इल्जामों से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें इस एपिसोड की कोई जानकारी ही नहीं है और ये उनके खिलाफ एक साजिश है.

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बवाल के बाद पुलिस ने की एल्विश से पूछताछ

लेकिन तब से लेकर 7 नवंबर की रात तक ना तो नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव को गिरफ्तार करने की कोशिश की और ना ही उन्हें ट्रैक किया. यहां तक कि 5 नवंबर को जब राजस्थान की कोटा पुलिस ने चेकिंग के दौरान एल्विश यादव को रोका और उन्हें लेकर नोएडा पुलिस से सवाल पूछा, तो नोएडा पुलिस ने तब भी उन्हें किसी मामले में वॉन्टेड न होने की बात कहते हुए उन्हें छोड़ देने की बात कही. इसके अगले दिन यानी 6 नवंबर को उसी नोएडा पुलिस ने एल्विश को पूछताछ के लिए हाजिर होने का समन भेजा और इस समन के बाद एल्विश 7 और 8 मई की दरम्यानी रात को पुलिस के सामने हाजिर हुए. जहां पुलिस ने उनसे रेव पार्टी, उनमें सांपों और उनके जहर के इस्तेमाल को लेकर करीब आधे घंटे तक पूछताछ की.

DCP-ACP लेवल के अधिकारियों ने की पूछताछ

सूत्रों की मानें तो पुलिस ने एल्विश से सांपों के खरीद-फरोख्त, उनके जहर की खरीद-फरोख्त और उसके इस्तेमाल, उनका नाम लेने वाले सपेरे राहुल को जानने, इस धंधे में उनके दोस्तों के शामिल होने या ना होने जैसे तमाम पहलुओं को लेकर सवाल पूछे. ये पूछताछ एसीपी और डीसीपी लेवल के बड़े अफसरों ने की. फिलहाल, नोएडा पुलिस ने मंगलवार रात की पूछताछ के बाद एल्विश यादव को तो जाने दिया, लेकिन साथ ही ये साफ कर दिया कि एल्विश को जल्द ही फिर से कुछ सवालों के जवाब जानने के लिए बुलाया जाएगा.

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सपेरों और एल्विश से एक साथ होगी पूछताछ

असल में पुलिस ने जिस सपेरे के नाम लेने पर एल्विश को पूछताछ के लिए बुलाया था, उस सपेरे और उसके साथियों को फिलहाल पुलिस जेल भेज चुकी है, जबकि नोएडा पुलिस अब उन सपेरों के साथ एल्विश को आमने-सामने बिठा कर पूछताछ करना चाहती है. ऐसे में पुलिस अब राहुल समेत बाकी सपेरों को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है, ताकि ये पता चल सके कि राहुल ने आखिर किन हालात में एल्विश यादव का नाम लिया और उनके लिए रेव पार्टी में सांप लेकर जाने की बात कही.

राहुल ने किया एल्विश के नाम का खुलासा

इस मामले का खुलासा करनेवाली संस्था पीएफए ने नोएडा पुलिस को बताया था कि उन्हें दिल्ली एनसीआर में अक्सर रेव पार्टीज में सांपों और उनके जहर के इस्तेमाल की खबर मिल रही थी. लेकिन वो किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले मामले की सच्चाई जानना चाहते थे. पीएफए के मुताबिक इस मामले की तह तक जाने के लिए उन्होंने एक स्टिंग ऑपरेशन प्लान किया. और इस कड़ी में उनकी बातचीत राहुल नाम के एक ऐसे लड़के से हुई, जो रेव पार्टीज में सांप और उनके जहर लेकर जाता था. पीएफए की मानें तो जब इस लड़के से उन्होंने एल्विश यादव का नाम लिया, तो लड़का तुरंत पार्टी में सांपों के साथ हाजिर होने को तैयार हो गया.

PFA के जाल में फंसा आरोपी
लेकिन कहानी में असली मोड तब आया, जब छद्म तरीके से एजेंट को ट्रैक करने की कोशिश कर रहे पीएफए के कार्यकर्ताओं के बुलाने पर वो लड़का पांच कोबरा, दो दोमुंहा, एक रैट स्नेक और एक अजगर यानी कुल नौ सांपों को लेकर नोएडा के एक ठिकाने पर हाजिर हो गया. पुलिस ने जब इन सापों के साथ इस लड़के और उसके साथियों को पकड़ा तो उनके पास से सांपों के साथ-साथ उनके जहर भी मिले.

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राहुल ने PFA को बताया था एल्विश का नाम

3 नवंबर की रात को हुई इस कार्रवाई के बाद इस मामले तब एक बार फिर एक नया खुलासा हुआ, जब दो दिन बाद यानी 5 नवंबर को पीएफए के कार्यकर्ताओं के साथ राहुल नाम के सपेरे की बातचीत की दूसरी किश्त ऑडियो क्लिप की सूरत में सामने आई. इस ऑडियो क्लिप में राहुल नाम का वही लड़का पीएफए के कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करते हुए ना सिर्फ एल्विश का नाम ले रहा था, बल्कि ये भी बता रहा था कि वो नोएडा और छतरपुर में एल्विश की पार्टियों में सांपों को लेकर गया था.

FIR में शामिल किया गया एल्विश का नाम

बहरहाल, अब तक की तफ्तीश में पुलिस को रेव पार्टी, उनमें सांपों और उसके जहर के इस्तेमाल को लेकर एल्विश के खिलाफ कोई सीधे सबूत तो नहीं मिले हैं, लेकिन चूंकि एफआईआर में पहले ही एल्विश यादव का नाम आ चुका है, पुलिस उनकी भूमिका की अच्छी तरह से जांच कर लेना चाहती है. दिलचस्प बात ये है कि पुलिस ने सेक्टर 20 थाने के उस एसओ को भी फिलहाल लाईन हाजिर कर दिया है, जिसने एफआईआर में एल्विश का नाम लिखा था.

सांपों के साथ क्रूरता

उधर, बुधवार को सपेरों के पास से मिले नौ सांपों को नोएडा पुलिस ने वन विभाग की मदद से एक-एक कर जंगल में छोड़ दिया, ताकि वो प्राकृतिक माहौल में जी सकें. खास बात ये है कि पुलिस ने गिरफ्तार सपेरों के पास से जिन पांच कोबरा सांपों को बरामद किया था, उन सारे के सारे सांपों की जहर की थैली निकाल ली गई थी और ये सांपों के साथ क्रूरता का मामला भी है.

 

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