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उत्तराखंड के कोटद्वार में बनाई गई सड़क अपने भ्रष्टाचार की कहानी खुद बयां कर रही है. 87 लाख रुपये से बनी इस सड़क पर महज पांच दिन में ही घास उग आई है. लिहाजा, लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं. घटिया निर्माण को लेकर ठेकेदार को सड़क बनाने से रोका गया था, लेकिन वह काम पूरा कर भाग खड़ा हुआ. 

उत्तराखंड के कोटद्वार से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. लोक निर्माण विभाग दुगड्डा ने कोटद्वार के हल्दुखाता क्षेत्र में तीन किलोमीटर सड़क बनवाई थी. इसमें कुल 87 लाख रुपए का खर्च आया. मगर, सड़क पर महज 5 दिन में ही कहीं घास उग गई, तो कहीं का डामर उखड़ गया. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि जब ठेकेदार घटिया निर्माण कर रहा था, तो उसे काम बंद करने के लिए भी कहा गया था. मगर, संबंधित ठेकेदार रातों-रात सड़क का निर्माण कर नौ दो ग्यारह हो गया. अब ऐसे में लोकनिर्माण विभाग की कार्य शैली पर ही सवाल उठने लगे हैं.

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रात में सड़क बनाकर गायब हो गया ठेकेदार- स्थानीय निवासी 

वहीं, स्थानीय निवासी आकाश बडोला ने कहा कि बीते मई-जून में इस सड़क निर्माण का कार्य शुरू हुआ था. उसके बाद बीच में लंबे समय तक काम बंद रहा. एक सप्ताह पहले कोलतार से सड़क पर डामरीकरण का काम किया गया. इस सड़क का निर्माण कार्य दिन में होना था, लेकिन ठेकेदार रात में सड़क बनाकर गायब हो गया. अब स्थित ऐसी है कि सड़क बने एक हफ्ता भी नहीं बीता है और कहीं डामर उखड़ रहा है, तो घास उग गई है.

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ठेकेदार को दिया गया नोटिस, नहीं होगा भुगतान- सहायक अभियंता 

लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता प्रदीप चमोली ने कहा कि ठेकेदार ने काफी त्रुटिपूर्ण काम किया है. विभाग की ओर से ठेकेदार को नोटिस दिया गया है. इस समय टेंपरेचर डाउन है, तो पीसी का काम नहीं हो सकता था. मगर, ठेकेदार के द्वारा विभाग के कर्मचारियों की अनुपस्थिति में रात को यह काम किया गया है.

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इसके बाद ठेकेदार वहां से चला गया. विभाग ने ठेकेदार का यह पूरा काम रिजेक्ट कर दिया है. ठेकेदार को नोटिस भेज गया है कि वह मानकों के तहत पूरे काम को दोबारा करेगा. इसके बाद काम की गुणवत्ता देखकर उसका भुगतान किया जाएगा.

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