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रुद्रप्रयाग,  एक बार फिर केदारघाटी के कई गांव में फेरी वालों का प्रवेश वर्जित जैसे बोर्ड लगे नजर आ रहे हैं। इससे पूर्व भी गांवों में कई बोर्ड लगे नजर आ रहे थे जिनमें फेरी वाले, गैर हिंदू और रोहिंग्याओं के प्रवेश पर रोक लगाने संबंधी बोर्ड लगाए गए थे।

इधर अब जखोली ब्लॉक के ग्राम पंचायत कांडा-भरदार के ग्रामीणों ने फेरी करने वाले और बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। इस संबंध में गांव की सीमा में तीन अलग-अलग स्थानों पर बाकायदा सूचना बोर्ड भी लगा दिए हैं। ग्राम पंचायत मेदनपुर ने भी बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी है।

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बीते सितंबर माह में केदारघाटी के कई गांवों में फेरी वाले, गैर हिंदू और रोहिंग्या के गांवों में प्रवेश और व्यापार करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था। इन गांवों की सीमा पर सूचना पट्ट भी लगाए गए थे। सूचना पर पुलिस ने इन गांवों में लगे आपत्तिजनक बोर्ड हटा दिए थे। बाद में बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी थी।

तब ग्रामीणों कहना था कि, बाहरी लोग फेरी, मोबाइल सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान की मरम्मत के नाम पर गांवों में पहुंच रहे हैं। ऐसे में ग्राम पंचायत स्तर पर यह पहल की गई है। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद सूचना बोर्ड को संशोधित कर बाहरी और फेरी वालों के गांवों में प्रवेश व व्यापार पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई।पांच हजार रुपये लगेगा जुर्मानाअब, जखोली विकासखंड के कांडा-भरदार में बाहरी और फेरी वालों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। इस संबंध में गांव की सीमा में तीन तरफ सूचना बोर्ड लगाए गए हैं।

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इस संबंध में ग्राम पंचायत कांडा के ग्राम प्रधान अमित रावत ने बताया कि ग्रामीणों की सहमति पर सूचना बोर्ड लगाए गए हैं। बीते दिनों पहाड़ के अलग-अलग कस्बों में घटित घटनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। जो भी फेरी वाला या अन्य बाहरी गांव में घूमता पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया जाएगा।

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पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल का कहना है कि ग्राम पंचायत अपने सीमा क्षेत्र में बाहरी लोगों के प्रवेश को वर्जित करने के लिए इस तरह के सूचना बोर्ड लगाने के लिए स्वतंत्र है। कहीं पर भी किसी धर्म विशेष या किसी जाति, समुदाय को अंकित कर कोई भी बोर्ड या सूचना चस्पा नहीं की जा सकती है, ऐसे मामलों में कार्रवाई की जाएगी।