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वर्ष 2019 को थाना ट्रांजिट कैंप में हुए गीता हत्याकांड के मुख्य आरोपी को आजीवन कठोर कारावास व सहयोगी दोषी को सात साल कठोर कारावास की सजा हुई है। इस दौरान तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अपना निर्णय दिया।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि रेशमबाड़ी थाना ट्रांजिट कैंप निवासी रिक्शा चालक हेतराम ने तहरीर देते हुए बताया कि उसकी पत्नी गीता का पड़ोसी प्रेमपाल से प्रेम प्रसंग था और दस माह बाद ही वह छोड़ कर चली गई थी। बताया कि 22 सितंबर 2019 को पता चला कि उसकी पत्नी गीता की हत्या कर शव के तीन टुकड़े कर बोरे में रखा गया है और प्रेमपाल फरार है। पुलिस ने कुछ दिनों बाद ही मुख्य आरोपी प्रेमपाल सिंह पंजाब के होशियारपुर थाना बुल्लोवाल से गिरफ्तार कर लिया।

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पूछताछ में यह भी पता चला कि महिला की गला दबाकर हत्या करने के बाद चापड़ से तीन टुकड़े करने में जादोपुर धमौड़ा शहजादनगर यूपी निवासी सुरेंद्र कुमार ने भी मदद की थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया।

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हत्याकांड की सुनवाई तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्य की अदालत में हुई। जहां एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने अदालत के सामने 11 गवाह पेश किए। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने दोषी प्रेमपाल को आजीवन कठोर कारावास व पचास हजार रुपये और सह दोषी सुरेंद्र कुमार सात साल कठोर कारावास व बीस हजार रुपये का अर्थदंड देने की सजा सुनाई।