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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के लिए एक नया और खतरनाक प्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत पुतिन अब रूस के खूंखार कैदियों को यूक्रेन में लड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं. पुतिन रूस की सेना में शामिल करने के लिए ब्लैकमेल और धमकियों को हथियार बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं, साथ ही सेना में शामिल होने से इनकार करने वालों को गंभीर प्रताड़ना और लंबी सजा की धमकी भी दी जा रही है. रूसी जेलों में कैद लोगों की आबादी में सिर्फ दो महीने में 23 हजार तक कम हो गई थी, क्योंकि पुतिन की सरकार कैदियों से सेना की आपूर्ति को भरना चाहती थी, इसके लिए सख्ती भी की गई थी.
रूस ने कैदियों से कहा था कि अगर वो युद्ध के लिए सेना में शामिल होते हैं तो उनकी जेल की सजा माफ कर दी जाएगी, लेकिन अब स्थिति बदल गई है. पुतिन की सरकार ने सेना में भर्ती के लिए और अधिक क्रूर रणनीति अपनाने का ऐलान कर दिया है.
इस रणनीति के तहत लड़ने से इनकार करने वालों की हालत ऐसी कर दी जाएगी कि वो एक कदम भी चलने लायक नहीं रहेंगे, या फिर उन्हें गायब कर दिया जाएगा. जबकि भर्ती किए गए लोगों की खराब ट्रेनिंग और हथियारों की कमी के कारण इन कैदियों के सेना में शामिल होते ही तुरंत मरने की संभावना है.
कैदियों के इस भर्ती अभियान को रूस के बेहद कठिन माने जाने वाले इलाकों में चलाया जा रहा है. इसे साइबेरिया और रूस के सुदूर पूर्व में नोवोसिबिर्स्क, क्रास्नोयार्स्क, आर्कटिक सर्कल के अंदर नोरिल्स्क और याकुटिया सहित अन्य कई स्थानों पर कैदियों को सेना में शामिल होने की ट्रेनिंग दी जा रही है.
सेना में कैदियों को रखने वाले अधिकारियों का भी टारगेट सेट किया गया है जिसके तहत प्रत्येक जेल से 150 से 200 कैदियों को लेना है, इसमें भी उन कैदियों को टारगेट करना है जो सबसे ज्यादा अपराधों में शामिल रहे हों, यानी जो सबसे खूंखार हों. डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, कैदियों के रिश्तेदारों ने बताया कि पुतिन के इन नए आदेश को मना करना असंभव है, क्योंकि मना करने पर जान से जाने का खतरा है.
उन्होंने बताया कि कुछ कैदियों को इतनी बुरी तरह से पीटा गया है कि वे चल भी नहीं पा रहे. साथ ही संभावना जताई जा रही है कि उनकी सजा बढ़ाई जा सकती है और उन्हें एक भयानक विकल्प का सामना करना पड़ सकता है.
कहा ये भी जा रहा है कि कैदियों का मरना तय है, क्योंकि अगर वो सामने से आगे बढ़ेंगे तो तोप के गोलों का शिकार होंगे और पीछे हटने पर सरकार उन्हें मौत के घाट उतार सकती है. कैदियों के बातचीत के सारे रास्ते बंद कर दिए गए हैं. बाहरी दुनिया से उनका संपर्क खत्म कर दिया गया है. उन्हें जहां रखा गया है वो जगह इतनी दूर और अलग है कि उन्हें रिकॉर्ड से आसानी से मिटाया जा सकता है.
पुतिन के अधिकारियों ने कैदियों के कुछ परिवारों से यह दावा करते हुए झूठ बोला है कि उन्हें अचानक क्वारंटाइन लागू करना होगा, जिसका मतलब है कि कैदी अब अपने रिश्तेदारों से मुलाकात नहीं कर पाएंगे.